Crying Benefits: 'ओ पाजी कदी हंस भी लिया करो.' इसी डायलॉग की तर्ज पर कोई आपसे कहे कि कभी रो भी लियो करो तो आप क्या सोचेंगे. आमतौर पर रोने (Crying)को लेकर धारणा बन चुकी है कि रोना कमजोरी की निशानी है और दिल के कमजोर लोग ही आंसू बहाया करते हैं. लेकिन इस भावनात्मक मसले पर विज्ञान की सोच कुछ अलग ही है. विज्ञान कहता है कि कभी कभी रोना सेहत के लिए बुरा नहीं बल्कि अच्छा होता है. जी हां, हंसने की तरह कभी कभी रोना भी शारीरिक और भावनात्मक दोनों ही स्टेज पर जरूरी होता है और इसके कई फायदे होते हैं. चलिए आज जानते हैं कि रोने से शरीर और दिमाग को क्या क्या फायदे (Crying Benefits) होते हैं. 

रोने से स्ट्रेस कम होता है 


अगर आपको कुछ बुरा लग रहा है तो महान इंसान बनके उसे दिल में ही छिपाकर रखने की जरूरत नहीं है. अगर रोना आ रहा है तो रो लेना चाहिए. इससे दिल में छिपा गुबार कम होता है और तनाव कम होता है. इससे भावनात्मक दबाव कम होता है और आपका स्ट्रेस कम होने पर आप बेहतर महसूस कर पाएंगे और सही फैसले कर पाएंगे. 

अच्छी नींद के लिए रोना है बेहतर


कुछ लोगों को रात के वक्त नींद  नहीं आती, ये दरअसल दिमागी बेचैनी के चलते होता है. ऐसे में रोने से रात को नींद अच्छी आती है. आपने छोटे बच्चों को देखा होगा, रोने के तुरंत बाद उनको गहरी नींद आती है, कई बच्चे तो रोते रोते ही सो जाते हैं क्योंकि रोने से दिमाग शांत होता है. 

आंखों के लिए सेहतमंद है रोना 


रोना आपके दिमाग के साथ साथ आंखों की सेहत को भी दुरुस्त करता है. रोने से जब आंसू निकलते हैं तो आंखों के भीतर छिपे बैठे कई सारे बैक्टीरिया बहकर बाहर निकल जाते हैं. आंसू आंखों में छिपे बैठे कई तरह के रोगाणुओं को बाहर निकाल देते हैं जो आंखों को कई तरह के संक्रमण दे सकते हैं.

दिमागी सेहत के लिए जरूरी है रोना
  


आप भले ही रोने को कमजोरी समझे लेकिन एक बार रोकर आप ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करते हैं. जब कोई इंसान बहुत ज्यादा तनाव में होता है तो उसका दिमाग दबाव में आ जाता है. ऐसे में रोने से दिमाग का दबाव हटता है और शरीर में ऑक्‍सीटॉसिन और इंडोरफिर कैमिकल्‍स रिलीज होता है जो  मूड को बेहतर करता है और दिमागी दबाव और दर्द को दूर करने में मदद करता है.