कोरोना के इस दौर में कब किस को कैसे कोरोना अपनी चपेट में ले ले ये कहना मुश्किल होगा. वहीं, कोरोना का सबसे आम सिम्टम बुखार बताया जाता है. इसके भांपने के लिये आप सभी ने देखा होगा कि जगह-जगह पर आपके सर या हाथ का टेंपरेचर मापा जाता है. पर एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना बुखार मापने के लिये ये बेहतर तरीका नहीं है.


हाथ और माथे का टेंपरेचर नहीं देता सही नतीजा


दरअसल एक्सपर्ट्स की एक टीम ने दांवे के साथ कहा है कि टेंपरेचर गन, थर्मोमीटर, स्कैनर से मापा गया  हाथ और माथे का टेंपरेचर आपको सही नतीजे नहीं देते. इसलिये, उनके मुताबिक बुखार मापने के लिये शरीर के इस दो जगहों से आपको सही नतीजे मिल सकते है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक किसी के कोरोना वायरस बुखार की जांच उसकी आखों और हाथ की उंगलियों से मापी जा सकती है.


आखों का टेंपरेचर देता है सही नतीजा


रिसर्चर्स के मुताबिक, अगर बुखार होगा तो आंखों के जरिये टेंपरेचर गन में जरूर मांपा जा सकेगा. उनके मुताबिक, आखों का टेंपरेचर आपके शरीर के अन्य भागों से सबसे अधिक होता है. इसी तरह हाथों की उंगलियां का भी टेंपरेचर बुखार के होने या ना होने का सही नतीजा देता है. इसलिये माथे और हाथ का टेंपरेचर मापने की जगह रिसर्चर्स आखों और हाथ की उंगलियों की जांच की जानी चाहिए.


आपको बता दें, कोरोना बुखार का टेंपरेचर समय-समय पर बदलता रहता है. 99 से 101 के बीच उपर-नीचे होता रहता है. अगर बुखार एक हफ्ते से अधिक समय रहता है तो कोरोना वायरस होने की संभावना अधिक बड़ जाती है जिसके बाद आप को टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.


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