कोरोना महामारी के 3 साल के बाद भी कोरोना की उत्पत्ति एक बड़ा सवाल बनी हुई है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि कोरोना की उत्पत्ति का संबंध चमगादड़ से है. जबकि कुछ लोग मानते हैं कि ये वायरस चीन के वुहान के प्रयोगशाला से लीक हुआ. हालांकि सामने आई एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड-19 वायरस चीन के वुहान में रैकून डॉग से फैला हो सकता है यानी तीन सालों से दुनिया जिस वायरस की वजह से तबाही देख रही है, उस वायरस को फैलाने का काम रैकून डॉग ने किया था. 


हालांकि चीनी अधिकारियों ने कोरोना महामारी से संबंध उजागर होने के बाद वुहान मार्केट को बंद कर दिया था और जानवरों को भी वहां से हटा दिया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्टडी के लिए डेटा एरिजोना, यूटा और सिडनी की यूनिवर्सिटी और स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में 2020 जनवरी से शुरू हुए हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट से लिया गया. इस अध्ययन के शोधकर्ताओं ने स्वाबिंग दीवारों, फर्श, गाड़ियों और धातु के पिंजरों से सैंपल्स इकट्ठा किए. अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि जुटाया गया डेटा रेकून डॉग से मैच कर रहा था. यूटा यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट स्टीफन गोल्डस्टीन ने बताया कि लिए गए सैंपल्स में से एक में वायरस न्यूक्लिक एसिड के साथ-साथ रेकून डॉग का न्यूक्लिक एसिड भी पाया गया.


जंगली जानवर से इंसानों में फैला कोरोना!


हालांकि टीम ने कहा कि वायरस और जानवर से आनुवंशिक सामग्री को मैच करने से यह बिल्कुल साबित नहीं होता कि रैकून कुत्ता ही कोरोना महामारी का कारण बना. अगर एक रैकून कुत्ता संक्रमित था, तो यह साफ नहीं है कि इसी जानवर ने लोगों में वायरस फैलाया था. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि किसी दूसरे जानवर ने वायरस को लोगों में फैलाया हो और फिर लोगों ने ही इस वायरस से रैकून डॉग को संक्रमित कर दिया हो. हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि उनका अध्ययन बताता है कि रेकून डॉग्स ने अनुवांशिक निशान उसी जगह पर छोड़े थे, जहां वायरस देखा गया था. साक्ष्य भी इस ओर इशारा करते हैं कि वायरस एक जंगली जानवर से इंसानों में फैला. 


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