देश में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के अंतर्गत शुरुआती दौर में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है. अब इस टीकाकरण अभियान के विभिन्न चरणों को लेकर केंद सरकार ने डेडलाइन की घोषणा कर दी है. कई राज्यों में टीकाकरण की धीमी रफ्तार को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. इस डेडलाइन के तहत हर स्वास्थ्यकर्मी को 20 फरवरी तक वैक्सीन की एक डोज दी जानी आवश्यक है. इस दौरान जो स्वास्थ्य्कर्मी छूट जाते हैं, वो 24 फरवरी तक टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं.


फ्रंटलाइन वर्कस 1 मार्च तक लगवा सकते हैं पहली डोज   


वहीं केंद्र सरकार द्वारा तय की गयी डेडलाइन के तहत फ्रंटलाइन वर्कस 1 मार्च तक पहली डोज लगवा सकते हैं. इसमें जो फ्रंटलाइन वर्कस छूट जाते है उनके लिए केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे पहले चरण का टीकाकरण 6 मार्च तक पूरा कर लें.


इसके बाद आयु वर्ग के हिसाब से लगेगा टीका 


केंद्र सरकार ने कहा है कि तय कार्यक्रम या उसके बाद वैक्सीन नहीं लगवा सके कोरोना वॉरियर्स को अब आयु वर्ग के हिसाब से होने वाले टीकाकरण के दौरान टीका लगवाना होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि, "हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे सभी कोरोना योद्धाओं को छह मार्च तक टीका लगवाने का अवसर दें. जो कोरोना योद्धा अपने समय पर या बाद में अवसर मिलने पर टीका लगवाने में असफल रहे हैं, उन्हें आयु वर्ग के अनुसार होने वाले टीकाकरण में अपनी बारी का इंतजार करना होगा."


इन राज्यों में सुस्त है टीकाकरण की रफ्तार 


अब तक 12 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां स्वस्थ्य्कर्मियों के टीकाकरण की दर 40 प्रतिशत से भी काम है. इनमें तमिलनाडु (28.4 प्रतिशत),  पंजाब (34.1 प्रतिशत), दिल्ली (38.9 प्रतिशत),  पुडुचेरी (15.4 प्रतिशत),  मणिपुर (21.3 प्रतिशत) और नागालैंड (21.5 प्रतिशत)  शामिल हैं.


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