Productivity And Sleep Patterns: नींद हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की बुनियाद है, लेकिन हर किसी के लिए एक ही तरह का स्लीप पैटर्न सही हो, यह जरूरी नहीं. आमतौर पर लोग दो तरह की नींद व्यवस्था अपनाते हैं, एक लगातार रात की नींद और दूसरी रात की नींद के साथ दिन में छोटी झपकी (नैप). दोनों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. लगातार और गहरी नींद, खासतौर पर डीप स्लीप और आरईएम स्लीप के लंबे चक्र, याददाश्त को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं. इस दौरान दिमाग दिनभर की जानकारी को व्यवस्थित करता है और जरूरी चीजों को लंबे समय तक स्टोर करता है. वहीं, दिन में ली गई छोटी झपकी भी कुछ खास तरह की मेमोरी को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है, खासकर तब जब रात की नींद पूरी न हो पाई हो.
रात की नींद
हार्मोनल संतुलन के लिहाज से देखें तो रेगुलर रात की नींद मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन को सही समय पर रिलीज होने में मदद करती है. इससे शरीर की बायोलॉजिकल वॉच संतुलित रहती है. दूसरी ओर, अगर दिन में नैप ली जाती है, तो हार्मोनल रिदम में हल्का बदलाव आ सकता है, जो नैप के समय और अवधि पर निर्भर करता है.लाइफस्टाइल के मामले में लगातार रात की नींद थोड़ी कम लचीली होती है. अनियमित शेड्यूल या शिफ्ट वर्क करने वालों के लिए इसे बनाए रखना मुश्किल हो सकता है. वहीं, स्प्लिट स्लीप यानी रात की नींद के साथ दिन में आराम करने की आदत ज्यादा फ्लेक्सिबल मानी जाती है और काम या निजी जिम्मेदारियों के हिसाब से खुद को ढालने में मदद करती है.
दिनभर की सतर्कता की बात करें तो अगर रात की नींद पूरी हो जाए, तो आमतौर पर ऊर्जा और फोकस स्थिर बना रहता है. लेकिन जिन लोगों को दिन में नींद या थकान महसूस होती है, उनके लिए छोटी झपकी काफी फायदेमंद हो सकती है. यह न सिर्फ सुस्ती कम करती है, बल्कि सोचने-समझने की क्षमता और परफॉर्मेंस भी बेहतर बनाती है.नींद का दबाव यानी स्लीप प्रेशर लगातार दिनभर बढ़ता रहता है और रात की नींद में जाकर कम होता है. स्प्लिट स्लीप में यह दबाव दिन में ली गई नैप से कुछ हद तक कम हो जाता है, जिससे शरीर को बीच में ही राहत मिल जाती है.
दिन में नींद लेने के फायदे
स्वास्थ्य पर असर की बात करें तो नियमित और पर्याप्त रात की नींद मेटाबॉलिज्म, दिल की सेहत और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करती है. नैप से इंसान मेंटल फिट होता है और फोकस को तो फायदा मिल सकता है, लेकिन इसके लंबे समय के शारीरिक प्रभावों पर अभी सीमित रिसर्च उपलब्ध है. बसे अच्छा स्लीप स्ट्रक्चर वही होता है जो आपकी रूटीन, काम के दबाव और शरीर की जरूरतों के अनुसार फिट बैठे. कुछ लोग पारंपरिक आठ घंटे की नींद में खुद को ज्यादा तरोताजा और स्थिर महसूस करते हैं, जबकि कुछ को रात की नींद के साथ दिन में थोड़ी देर आराम करने से ज्यादा फायदा मिलता है.
सही पैटर्न चुनने की जरूरत
अपने लिए सही पैटर्न चुनने के लिए यह देखना जरूरी है कि दिनभर आपकी ऊर्जा, मूड और फोकस कैसा रहता है. अगर दोपहर की झपकी लेने से एकाग्रता बढ़ती है, तो उसे 20 से 90 मिनट तक सीमित रखें, ताकि रात की नींद प्रभावित न हो. साथ ही, कुल नींद का समय इतना जरूर रखें कि शरीर और दिमाग दोनों को पूरी रिकवरी मिल सके. इसके अलावा, सोने का माहौल शांत और एक जैसा रखें, सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें और तनाव को मैनेज करना सीखें. लगातार कुछ दिनों तक अपने मूड, एकाग्रता और थकान के स्तर पर नजर रखें. इससे आपको समझ आएगा कि कौन-सा स्लीप पैटर्न आपके लिए लंबे समय तक ज्यादा फायदेमंद और टिकाऊ साबित होता है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.