Covid Vaccine Black Box Warning: अमेरिका की FDA जल्द ही कोविड वैक्सीन पर अपनी सबसे गंभीर चेतावनी, ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग लगाने की तैयारी में है. यह वही चेतावनी होती है जिसे दवाइयों पर सबसे ऊपर मोटे अक्षरों में लगाया जाता है और इसका साफ मतलब होता है कि दवा में गंभीर खतरा या जानलेवा रिस्क मौजूद है, जिसे इस्तेमाल से पहले बेहद गंभीरता से समझना चाहिए. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, FDA के अंदर यह कदम ऐसे समय में आगे बढ़ रहा है जब ट्रंप प्रशासन दोबारा वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहा है. बाहर के कई एक्सपर्ट इस फैसले से हैरान हैं क्योंकि उनके अनुसार कोविड वैक्सीन को लेकर ऐसी चेतावनी की वैज्ञानिक जरूरत नहीं दिखती.
ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग क्या है?
ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग आमतौर पर तभी लगाई जाती है जब किसी दवा से मौत, स्ट्रोक, दिल का गंभीर नुकसान, या ऐसे साइड इफेक्ट हों जो इंसान को अपंग तक कर सकते हों. जैसे ओपिओइड दवाओं पर लत, ओवरडोज और मौत की चेतावनी दी जाती है या गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ दवाओं पर जन्म दोष की आशंका लिखी जाती है. FDA के अंदर इस चेतावनी को आगे बढ़ाने में डॉ. विनय प्रसाद की भूमिका बताई जा रही है, जो वैक्सीन की पॉलिसी और सुरक्षा को लेकर लंबे समय से सवाल उठाते रहे हैं. हालांकि, यह योजना अभी अंतिम चरण में नहीं है और बदल भी सकती है.
कंपनियों का क्या है कहना?
दूसरी तरफ मॉडर्ना औरफाइजर दोनों कंपनियां बार-बार दोहरा रही हैं कि उनकी वैक्सीन की सुरक्षा दुनिया भर में करोड़ों डोज़ के डेटा से साबित हो चुकी है और बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं में कोई नया गंभीर खतरा सामने नहीं आया है. साइंटफिक आंकड़े भी यही कहते हैं कि कोविड वैक्सीन ने सिर्फ पहले साल में दुनिया भर में करीब 2 करोड़ लोगों की जान बचाई. CDC की ताजा रिपोर्ट में भी कहा गया कि 9 महीने से 17 साल के बच्चों में वैक्सीन ने अस्पताल जाने का जोखिम काफी कम किया है.
वैक्सीन के शुरुआती दौर में मायोकार्डाइटिस यानी हार्ट इंफ्लेमेशन की रेयर समस्या कुछ युवाओं में दिखी थी, लेकिन CDC ने साफ कहा है कि ज्यादातर लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं और अब यह दर पहले से काफी कम हो चुकी है.
इस कारण शुरू हुई चर्चा
इसके बावजूद, FDA में कुछ अधिकारी मानते हैं कि वैक्सीन लेबल पर इस रिस्क को और खुलकर लिखना चाहिए और यही कारण है कि ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग की चर्चा शुरू हुई है. इसका मतलब होगा कि वैक्सीन पैक पर साफ-साफ लिखा जाएगा कि दिल से जुड़े दुर्लभ लेकिन गंभीर रिस्क मौजूद हैं. हालांकि, कई पूर्व FDA कमिश्नरों ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि इतने बड़े फैसले पर पुख्ता डेटा दिखाए बिना डर फैलाना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होगा. अभी स्थिति यह है कि FDA इस मुद्दे पर आंतरिक समीक्षा कर रहा है, लेकिन अगर ब्लैक बॉक्स वॉर्निंग लगती है तो इसका मतलब दुनिया भर में एक ही संदेश जाएगा, इस दवा में गंभीर जोखिम है, इसलिए इसे बेहद सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए.
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रेगुलेशन, थेराप्यूटिक्स और लॉ प्रोग्राम चलाने वाले डॉ. एरन केसेलहाइम ने CNN को बताया कि "इस तरह की चेतावनियां या तो दवा बनाने वाली कंपनी शुरू करती है या फिर FDA खुद लगाती है. लेकिन आमतौर पर FDA पहले पब्लिक को यह बताता है कि वह किसी दवा या वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़े सवाल की जांच कर रहा है. कई बार FDA एक सलाहकार समिति भी बुलाता है जिसमें बाहर के स्वतंत्र एक्सपर्ट होते हैं, ताकि वे सुरक्षा से जुड़े डेटा की खुलकर समीक्षा करें और एजेंसी को सुझाव दे सकें."
इसे भी पढ़ें- कहीं अनजाने में अपने बच्चे को सर्दी-खांसी की दवाई का ओवरडोज तो नहीं दे रहे आप? जानें यह कितना खतरनाक
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.