Continues below advertisement

Week Bones of Children: पहले हड्डियों की कमजोरी को उम्र से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब यह समस्या बच्चों में भी तेजी से देखने को मिल रही है. छोटी सी गिरावट में फ्रैक्चर, पीठ दर्द की शिकायत या बार-बार थकान, ये संकेत हो सकते हैं कि, आपके बच्चे की हड्डियां मजबूत नहीं हैं.

डॉ. दीपक जोशी बताते हैं कि, यह समस्या केवल पोषण की कमी से नहीं, बल्कि जीवनशैली और आदतों से भी जुड़ी हुई है. इसलिए हम जानेंगे कि आखिर क्यों बच्चों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं, इसके लक्षण क्या हैं और कैसे उन्हें दोबारा मजबूत बनाया जा सकता है.

Continues below advertisement

ये भी पढ़े- अनवांटेड प्रेग्नेंसी रोकने के लिए कितनी बार खा सकते हैं पिल्स, कब शरीर पर पड़ने लगता है असर?

क्यों हो रही हैं बच्चों की हड्डियां कमजोर?

पोषण की कमी

बच्चों के आहार में कैल्शियम, विटामिन D और फॉस्फोरस की कमी हड्डियों की ताकत को प्रभावित करती है. जंक फूड और बाहर का खाना पोषक तत्वों से रहित होता है.

सूरज की रोशनी से दूरी

बच्चे अब घरों में या स्क्रीन के सामने ज्यादा वक्त बिताते हैं. इससे शरीर में प्राकृतिक रूप से बनने वाला विटामिन D कम हो जाता है, जो कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने में जरूरी होता है.

शारीरिक गतिविधियों की कमी

खेलना-कूदना कम और घंटों बैठकर पढ़ाई या मोबाइल देखना बच्चों की हड्डियों को कमजोर बना रहा है.

पढ़ाई या लंबी सिटिंग के बाद क्या करें?

  • हर 30-40 मिनट में बच्चों को खड़ा करें और हल्की स्ट्रेचिंग या वॉक कराएं.
  • स्पाइन को सपोर्ट देने वाली कुर्सी पर बैठने की आदत डालें.
  • बच्चों को योगा, साइक्लिंग या स्विमिंग जैसी हल्की फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें.

कैल्शियम की कमी के लक्षण

  • हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • दांत जल्दी खराब होना
  • बार-बार फ्रैक्चर होना
  • कमजोरी और थकान महसूस होना

बच्चों की हड्डियों को कैसे बनाएं मजबूत?

  • संतुलित आहार दें: बच्चों को दूध, दही, पनीर, अंडे, हरी सब्ज़ियां और सूखे मेवे दें.
  • विटामिन D का ध्यान रखें: रोज सुबह 20-30 मिनट की धूप में बैठने की आदत डालें.
  • स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल, टीवी और लैपटॉप के सामने समय सीमित करें और आउटडोर गेम्स को बढ़ावा दें.
  • बच्चों की हड्डियों की सेहत को नज़रअंदाज़ करना आगे चलकर बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है. जरूरी है कि हम समय रहते उनकी जीवनशैली और पोषण पर ध्यान दें.

इसे भी पढ़ें: लिवर को रखना है सेफ तो इस बीमारी पर रखें नजर, अंदर ही अंदर कर देती है खोखला

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.