नयी दिल्ली: डॉक्टर्स का कहना है कि खानपान, जीवनशैली में सुधार और समय-समय पर जांच ये तीन उपाय हैं जिनसे कैंसर का शिकार होने से बचा जा सकता है और अगर यह रोग घेर भी ले तो समय रहते इलाज से इससे मुक्त हुआ जा सकता है.


डॉक्टर्स ने इस पर कई सुझाव दिए हैं-




  • आयुर्वेद पद्धति रोगी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को इस तरह बढ़ाती है कि कैंसर के जीवाणु दोबारा रोगी के शरीर पर हावी नहीं हो पाते.

  • एडजुवेंट नामक थैरेपी कैंसर के मरीजों को अपनानी चाहिए. इस थैरेपी का मूलमंत्र है कि शरीर की अपनी एक हीलिंग ताकत होती है पर रोग के हावी हो जाने पर उस ताकत को जगाना जरूरी हो जाता है.

  • डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर व्यक्ति अपने स्वभाव के अनुकूल आचरण करे तो इस रोग से बच भी सकता है. इसलिए वह हिपनोटिज्म यानी सम्मोहन के जरिए रोगी को उसकी भीतरी गांठों से बाहर लाकर तन मन आत्मा को एक करने की कोशिश करती हैं.इसमें नई ऊर्जा का संचार होता है और जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया उसे दोबारा रोग की चपेट में आने से बचाता है.

  • सर्जरी के बाद रोगी के ठीक होने की प्रक्रिया तेज हो इसके लिए डॉक्टर हास्य थैरेपी का इस्तेमाल करते हैं. हंसने से पसलियों से लेकर गले और मस्तिष्क तक की नसें खुल जाती हैं और रक्त का संचार तेज हो जाता है.

  • रोजमर्रा के जीवन में देसी मसालों और मौसमी फल सब्जियों के इस्तेमाल और योग-व्यायाम पर जोर भी दिया गया.

  • हल्दी, अदरक, मेथीदाना, अश्वगंधा, त्रिफला और अजवाइन ऐसी चीजें हैं जो हमारे शरीर की अग्नि को बनाए रखती हैं और अगर कीमोथैरेपी के साथ इन्हें दिया जाए तो कीमो के अन्य कुप्रभाव और दर्द दोनों ही काफी कम हो जाते हैं. इनसे रोगी में कैंसर की दवा को सुप्रभावी बनाने की क्षमता बढ़ जाती है और उसके शरीर में कमजोरी नहीं आती.


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.