ब्रेस्ट में अगर किसी भी तरह की दिक्कत हो रही है तो उसे इग्नोर करना जानलेवा हो सकता है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोगों को काफी ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर की समस्या हो रही है. ब्रेस्ट कैंसर के कारण हर साल लाखों महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है. साईटकेयर की एक रिपोर्च के मुताबिक भारत में हर 28 में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी का शिकार हैं. सबसे खतरनाक है कि इस घातक बीमारी का समय पर पता नहीं चल पाता है जिसके कारण जब स्थिति गंभीर हो जाती है तब इसका पता चलता है. ब्रेस्ट में दर्द और सूजन इस बीमारी के शुरुआती संकेत हो सकती है.

साइक्लिक और नॉन साइक्लिक दर्द क्या होता है?

ब्रेस्ट में दर्द और सूजन कई कारणों से हो सकती हैं. ब्रेस्ट में दो तरह के दर्द होते हैं एक साइक्लिक और दूसरा नॉन साइक्लिक. साइक्लिक दर्द नॉर्मल और जनरल दर्द है जो पीरिड्स आने से पहले या पीरियड्स के दौरान होता है. नॉन साइक्लिक दर्द पीरियड्स के कारण नहीं होता बल्कि ब्रेस्ट की मांसपेशियों और टिश्यूज में होता है. इन दर्द को नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है. 

ब्रेस्ट में दर्द के दूसरे कारण

हार्मोनल इनबैलेंस

पीरियड्स के दौरान होने वाले बदलाव

ब्रेस्ट में गांठ

ब्रा की खराब फीटिंग के कारण भी दर्द होता है. 

ब्रेस्ट में दर्द और सूजन को कम करने के टिप्स

साइक्लिक कारणों से ब्रेस्ट में दर्द है तो आप लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव करके इसे ठीक कर सकते हैं. आजकल ब्रेस्ट में गांठ कई कारण से हो रहे हैं. इसकी जांच तुरंत करवानी चाहिए ताकि आगे जाकर यह गंभीर रूप न ले ले. साइक्लिक दर्द कुछ दिनों के अंदर ठीक हो सकता है.

चाय या कॉफी ज्यादा न पिएं 

बहुत ज्यादा फैटी फूड न खाएं

नमक खाने से बचे

किसी भी तरह के दवा खाने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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