क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि कुछ लोग जल्दी सोकर भी तरोताजा महसूस करते हैं, जबकि कुछ लोग रात को देर तक जागकर ही अच्छा काम करते हैं? सोने का समय सिर्फ आराम के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य से भी जुड़ा है. European Heart Journal – Digital Health में हुई एक स्टडी के अनुसार, जो लोग लगातार रात 10 बजे से 11 बजे के बीच सोते थे, उन्हें दिल की बीमारी होने का खतरा कम था. इससे पता चलता है कि अपने शरीर की प्राकृतिक रिदम के अनुसार सोना दिल और सेहत के लिए फायदेमंद है.
सोने का सही समय उम्र के अनुसार बदलता है. बच्चों को अधिक नींद की जरूरत होती है, किशोर देर तक जागते हैं, बड़े को काम और आराम का संतुलन चाहिए, और बुजुर्गों के लिए जल्दी सोना फायदेमंद होता है.
किस उम्र के लिए कितना सोना जरूरी
बच्चे (5–12 साल)
कितना समय: 7:30–9:00 बजे
नींद की जरूरत: 9–12 घंटे
बच्चों को अच्छी तरह से बढ़ने, पढ़ाई में ध्यान लगाने और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद चाहिए. जल्दी और नियमित समय पर सोने से उनका मूड अच्छा रहता है, ध्यान केंद्रित रहता है और इम्यूनिटी मजबूत होती है. माता-पिता स्क्रीन समय कम करें और सोने से पहले कहानी सुनाना या हल्की संगीत सुनाना मदद कर सकता है.
किशोर (13–18 साल)
कितना समय: 10:30–11:30 बजे
नींद की जरूरत: 8–10 घंटे
किशोरों का शरीर देर रात जागने के लिए तैयार होता है. नियमित नींद उनके दिमाग के विकास, मूड और पढ़ाई में मदद करती है. सोने से पहले फोन या टीवी कम इस्तेमाल करें और हल्की स्ट्रेचिंग या पढ़ाई जैसी रिलैक्सिंग रूटीन अपनाएं.
बड़े वयस्क (18–64 साल)
कितना समय: 10:00–11:00 बजे
नींद की जरूरत: 7–9 घंटे
बड़े वयस्कों को अपने शरीर की प्राकृतिक रिदम के अनुसार सोना चाहिए. इस समय से बाहर सोने से थकान, कम उत्पादकता और डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. कैफीन और भारी खाना रात में न लें और नियमित समय पर सोने की आदत डालें.
बुजुर्ग (65 प्लस साल)
कितना समय: 9:00–10:00 बजे
नींद की जरूरत: 7–8 घंटे
बुजुर्ग जल्दी उठते हैं और उनकी नींद थोड़ी कम होती है. जल्दी सोने से दिल की सेहत, दिमाग की चतुराई और संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर रहता है. सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग, हर्बल चाय या मेडिटेशन नींद में सुधार कर सकते हैं. सिर्फ नींद की मात्रा ही नहीं, बल्कि समय भी महत्वपूर्ण है. उम्र के अनुसार सही समय पर सोने से मूड, ध्यान और दिल की सेहत बेहतर होती है. सही नींद हार्मोन, इम्यूनिटी, मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखती है और डायबिटीज, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा कम करती है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.