नई दिल्लीः क्या आप भी कमर दर्द से परेशान है? तो सावधान! जी हां, दुनियाभर में 700 मिलियन से ज्यादा लोग बैक पेन से परेशान है. शोधकर्ताओं ने चेताया है कि बैक पेन की वजह से 13% लोगों को जल्द मरने का खतरा रहता है.


क्या कहती है रिसर्च-
हालिया रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग स्पाइनल पेन (कमर और गर्दन) से गुजर रहे हैं उनमें 13 पर्सेंट अधिक जल्दी मरने के चांसेस रहते हैं.

ऑस्ट्रेलिया, सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता मैथ्यू फर्नाडिज का कहना है कि बेक पेन ऐसी समस्या है जो अधिक लोगों को लंबे समय पर परेशान करती है और उनकी लाइफ को भी इफेक्ट करती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
सिडनी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर पाओलो फेरेरिया का कहना है कि बहुत से लोग मानते हैं कि बैक पेन से जान को कोई खतरा नहीं है. तकरीबन 84 पर्सेंट लोगों को बैक पेन लाइफ टाइम परेशान करता है और ओल्डर ऐज में तो बहुत ही ज्यादा.

कमर दर्द और मृत्यु‍-दर के बीच लिंक-
तेजी से बढ़ती हुई एजिंग पॉपुलेशन में आज स्पाइनल प्रॉब्लम एक बड़ी समस्या बन रही है. हालांकि शोधकर्ता अभी तक इस बात को नहीं जान पाए हैं कि आखिर कमर दर्द और मृत्यु़-दर के बीच क्या लिंक है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि स्पाइनल प्रॉब्लम खराब हेल्थ का नतीजा है जिससे बॉडी के फंक्शंस भी ठीक से काम नहीं कर पाते. इसलिए ओल्डर पॉपुलेशन में मृत्यु दर समय से पहले बढ़ रही है.

यूरोपियन जर्नल ऑफ पेन में पब्लिश इस रिसर्च में 70 साल तक के 4,390 लोगों को शामिल किया गया.

कमर दर्द का इलाज-
रिसर्च में पाया गया कि कमर दर्द के लिए पैरासिटामॉल और एंटी इंफ्लेमेट्री ड्रग्स से लेकर सर्जरी तक कोई भी ट्रीटमेंट पूरी तरह से सक्सेसफुल नहीं है लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स बहुत हैं. बैक पेन का सबसे बेस्ट ट्रीटमेंट हेल्दी लाइफस्टाइल है. यहां तक कि फीजिकल एक्टिविटी को दिनचर्या में शामिल करना भी एक इलाज है.