Are Tampons Unsafe:दुनिया भर में महिला स्वास्थ्य को लेकर एक लंबी बहस चल रही है. हर कोई इसी सवाल में उलझा है कि महिलाओं को पीरियड के दौरान क्या यूज करना चाहिए  टेंपोन या सैनिटरी नैपकिन?जहां कुछ लोगों के लिए सैनिटरी नैपकिन कोआरामदायक लगते हैं वहीं अन्य को टेंपोन अधिक सुविधाजनक और झंझट मुक्त लगता है,हालांकि टेंपोन को उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं होने के डर से कई महिलाएं इस्तेमाल नहीं करती हैं. इस भ्रम को दूर करते हुए डॉक्टर तान्या ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि टेंपोन बहुत अच्छे हैं और बहुत से लोगों के लिए बहुत उपयोगी विकल्प है


बता दें कि टैम्पोन एक सिलैंडरिकल ऑब्जेक्ट है जो वजाइना के अंदर लगाया जाता है जो सभी रक्त को एब्जॉर्ब कर लेता है , हालांकि इसके साथ उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर आप टेंपोन का सही इस्तेमाल नहीं करती हैं तो इससे घातक संक्रमण जिसका नाम है टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम, इस समस्या से आप जूझ सकती हैं. लेकिन जब तक आप इसे सही तरह से इस्तेमाल करती हैं तब तक आपको यह बीमारी छू भी नहीं सकती


कब हो सकता है टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का खतरा


आगे वो बताती हैं कि इस बीमारी को बुलावा हम तब देते हैं जब आप इसे लगाने के बाद छोड़ देते हैं, चेंज करना भूल जाते हैं, ये रातों-रात इसी तरह से छोड़ दिया जाता है डॉक्टर के मुताबिक टेंपोन को 6 से 8 घंटे से अधिक समय तक वजाइना के अंदर नहीं छोड़ना चाहिए.डॉक्टर बताती हैं कि वजाइना में एक प्राकृतिक चिकनाई होती है और अगर आप इसे बाहर निकालने के दौरान कम ब्लीडिंग वाले दिन टेंपोन डालती हैं, तो यह न केवल वजाइना की प्राकृतिक नमी को अवशोषित करेगा बल्कि फ्रिक्शन होने की वजह से वजाइना के अंदर छोटे-छोटे कट बन सकते हैं जो संक्रमित हो सकता है और टीएसएस को जन्म दे सकता है.



कैसे करें टीएसएस से बचाव


वो बताती हैं कि टेंपोन के बजाय सेनेटरी पैड को प्राथमिकता देकर या टेंपोन को हर 4 घंटे में बदलकर ऐसी स्थिति को रोका जा सकता है.टीएसएस और टेंपोन के बीच के लिंक पर बात करते हुए  उन्होंने कहा कि बैक्टीरिया योनि में स्वाभाविक रूप से मौजूद होता है, अगर अत्यधिक शोषक टेंपोन का लंबे समय तक उपयोग किया जाता है तो खून से लथपथ टेंपोन की उपस्थिति में बैक्टीरिया बढ़ सकता है और टीएसएस पैदा करने वाले विषाक्त पदार्थ का उत्पादन हो सकता है ऐसे में या तो आप सेनिटरी पैड इस्तेमाल करें या फिर ध्यान से टेंपोन बलदली रहें


बीमारी के लक्षण


लक्षणों के रूप में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, मुंह और आंखों में रैशेज के साथ गंभीर और अचानक दर्द का सामना करना पड़ सकता है."उच्च रक्तचाप, उल्टी या दस्त, विशेष रूप से हथेलियों पर सनबर्न जैसे दाने, भ्रम और दौरे भी" हो सकते हैं.उन्होंने कहा कि टीएसएस की घटनाएं प्रति 1,00,000 मासिक धर्म वाली महिलाओं में 1 है, खासकर 15-25 वर्ष की आयु में ये देखा गया है. अस्पताल में भर्ती, शॉक मैनेटमेंट, और एंटीबायोटिक्स उपचार में शामिल हैं.


ये भी पढ़ें: Kala Azar: भारत से 'कालाजार रोग' का खात्मा! 2007 से मामलों में आई 98.7 प्रतिशत की कमी