नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर में लोगों में एंग्जाइटी, डिप्रेशन और पोस्ट ट्रैमिटक स्ट्रेस सबसे कॉमन प्रॉब्लम हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, सामाजिक न्याय मंत्रालय की मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले लोगों के द्वारा बताई गई ये सबसे कॉमन प्रॉब्लम हैं. कई राज्यों में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कॉल में वृद्धि देखी गई है.


डिपार्टमेंट ऑफ एमपावरमेंट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटीज (DEPwD) के आंकड़ों के अनुसार, 16 सितंबर, 2020 से 30 अप्रैल तक KIRAN हेल्पलाइन पर कुल 26,047 कॉल आईं. जबकि कॉल्स की संख्या में मार्च (3,617) से अप्रैल (3,371) में कमी देखी गई. केरल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा सहित कुछ राज्यों में वृद्धि हुई, जहां कॉल की संख्या मार्च की संख्या 73 से बढ़कर अप्रैल में 170 हो गई.


हेल्पलाइन प्रचार भी हो सकता है बढी कॉल्स का कारण
हेल्पलाइन के एक रीजनल सेंटर के सीनियर अधिकारी के अनुसार,  पिछले महीने में अधिकांश कॉल करने वालों ने कोविड-19 डायग्नोस होने के बाद महामारी की दूसरी लहर के बारे में चिंता जताई थी. अधिकारी ने कहा कि कॉल में वृद्धि आंशिक रूप से इस रीजन में दूसरी लहर के दौरान हेल्पलाइन को कोविड-19 से संबंधित मेंटल हेल्थ रिसोर्स के रूप में प्रचारित किए जाने के कारण हो सकती है.


अधिकारी के अनुसार, ज्यादातर अधिकांश कॉल करने वालों को कोविड -19 स्थिति के बारे में चिंता थी तो कुछ ने टीकाकरण और इमरजेंसी सर्विस के बारे में भी पूछताछ की. 


पिछले साल सितंबर में लॉन्च की गई थी हेल्पलाइन
हेल्पलाइन 1800-599-0019 को सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा 7 सितंबर, 2020 को मेंटल हेल्थ रीहबिलटैशन सर्विस के रूप में लॉन्च की गई थी. कॉल करने वालों को पहले परामर्श दिया जाता है और जरूरत के अनुसार मनोचिकित्सकों और दूसरे विशेषज्ञों से कनेक्ट किया जाता है. 


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