Air Pollution Side Effects: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुड़गांव, नोएडा की हवा जहरीली होती जा रही है, खासकर पंजाब और हरियाणा में बड़ी मात्रा में पराली जलाने के कारण सीधा असर राजधानी दिल्ली पर पड़ रहा है. जिससे यहां की हवा रहने वालों के लिए और ज्यादा जहरीली हो गई है और दिवाली के आसपास प्रदूषण और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI 400 के ऊपर पहुंच गया है, ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि जब AQI 100 के पार भी पहुंच जाता है तो किन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

 

वायु प्रदूषण से बढ़ा इन बीमारियों का खतरा

ब्रोंकाइटिस 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वायु प्रदूषण से ब्रोंकाइटिस  का खतरा बढ़ रहा है. ये बच्चों और बुजुर्गों को सीधे रूप से प्रभावित कर रहा है. ऐसे में अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी और ब्रोंकाइटिस जैसी स्थिति और ज्यादा गंभीर रूप ले सकती है. डॉक्टर का मानना है कि जो लोग पहले से ही इन बीमारी से पीड़ित है वह क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी समस्याओं की दवाई नियमित रूप से लेते रहें.

 

आंखों में जलन और सिर दर्द 

वायु प्रदूषण के कारण आंखों में सबसे ज्यादा इफेक्ट पड़ता है. आंखें लाल हो सकती है, जलन पड़ सकती है, आंखों से धुंधला दिखाई पड़ सकता है और इसके कारण सिर दर्द और थकान जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.

 

हार्ट डिजीज 

वायु प्रदूषण के कारण हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ जाता है, इससे हार्ट और ब्लड वेसल्स में सूजन आ सकती है. कई रिपोर्ट से पता चला है कि यह प्रदूषण स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर का कारण भी बन सकता है.

 

स्किन इन्फेक्शन 

वायु प्रदूषण से कई प्रकार की स्किन संबंधी बीमारियां भी हो सकती है. जिसमें एग्जिमा. सोरायसिस और मुंहासे शामिल है. इतना ही नहीं वायु प्रदूषण से स्किन पर लाल या काले धब्बे भी हो सकते हैं, जिन्हें कम करने में ज्यादा समय लगता है.

 

फेफड़ों की बीमारी 

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़ों की एक ऐसी स्थिति है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. आमतौर पर यह डिजीज हवा में हानिकारक कणों की वजह से होती है, जिसमें वायु प्रदूषण सिगरेट और शराब का सेवन करना आदि शामिल है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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