Early Skin Symptoms Heart Problems: कभी-कभी त्वचा उन बातों को समझ लेती है, जिन्हें दिल ने खुद से भी कबूल नहीं किया होता.  हैरानी की बात है कि शरीर कई बार छोटी-छोटी रंगत, बनावट या सूजन के बदलते संकेतों के जरिए हमें पहले ही चेतावनी दे देता है. कई बार तब भी जब सीने में दर्द या सांस फूलना जैसे बड़े लक्षण अभी दूर होते हैं. स्किन एक्सपर्ट भी लंबे समय से यही कहते आए हैं कि स्किन अक्सर हेल्थ का अर्ली अलर्ट सिस्टम बन जाती है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी भी ऐसे कुछ संकेतों का जिक्र करती है, जो भीतर छिपी कार्डियोवास्कुलर परेशानी की ओर इशारा कर सकते हैं.  ये लक्षण अपने आप दिल की बीमारी का पक्का प्रमाण नहीं होते, लेकिन जरूर बताते हैं कि अंदर कहीं कुछ ठीक से काम नहीं कर रहा.

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हार्ट ब्लॉकेज रोकने के 7 आसान टिप्स

पैरों और निचले हिस्से में सूजन

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जब दिल अपनी पूरी क्षमता से पंप नहीं कर पाता, तो शरीर में तरल समान रूप से नहीं घूम पाता और नीचे की ओर जमा होने लगता है. यही वजह है कि सूजन पहले पैरों और टखनों में दिखाई देती है और धीरे-धीरे ऊपर तक बढ़ सकती है. यह सिर्फ थकान या देर तक खड़े रहने वाली सूजन नहीं होती, बल्कि ऐसे दिल का निशान हो सकती है जिसे काम करने में दिक्कत हो रही हो.

 सायनोसिस

सर्दी में उंगलियां या पैर नीले पड़ना आम बात है, लेकिन अगर सामान्य तापमान में भी त्वचा नीली या बैंगनी दिखे, तो इसका मतलब है कि टिशूज़ तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही. कई बार वजह ब्लॉक या संकरी रक्त वाहिकाएं होती हैं. गंभीर मामलों में, जैसे ‘ब्लू टो सिंड्रोम’, यह स्थिति टिशू को नुकसान भी पहुंचा सकती है. ऐसे रंग बदलाव को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है.

 लिवेडो रेटिकुलारिस 

ठंड लगने पर कुछ लोगों में यह पैटर्न दिख जाता है और दवाइयों के असर से भी हो सकता है. लेकिन अगर गर्मी में भी यह पैटर्न बना रहे, तो छोटी आर्टरीज में रुकावट इसका कारण हो सकती है. ‘कोलेस्ट्रॉल एम्बोलाइजेशन सिंड्रोम’ जैसे मामलों में कोलेस्ट्रॉल के छोटे-छोटे कण रक्त बहाव रोक देते हैं, जिससे स्किन और आंतरिक अंगों पर असर पड़ सकता हैय इसलिए यह पैटर्न लगातार दिखे, तो जरूर जांच करानी चाहिए.

जैंथेलाज्मा और जैंथोमा 

आंखों के पास पीले पैच, हथेलियों या पैरों पर पीलापन ये सिर्फ दिखने की बात नहीं है. कई बार ये शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का संकेत होते हैं. ये दर्द नहीं करते, लेकिन बताते हैं कि शरीर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल संभाल नहीं पा रहा.  टेस्ट कराना जरूरी है, क्योंकि समय रहते इलाज हार्ट डिजीज का खतरा कम कर सकता है.  जरूरत पड़े तो इन्हें डर्मेटोलॉजिकल तरीके से हटाया भी जा सकता है. 

एरप्टिव जैंथोमा

ये दाने अक्सर रैश या किसी इंफेक्शन जैसे लगते हैं, लेकिन असल में ये बेहद ऊंचे ट्राइग्लिसराइड स्तर की वजह से त्वचा की सतह पर जमा फैट होती है. अनियंत्रित डायबिटीज या गंभीर लिपिड डिसऑर्डर में ट्राइग्लिसराइड अचानक बढ़ते हैं और त्वचा पर दाने निकल जाते हैं. समय पर इलाज बहुत जरूरी है, क्योंकि ऐसे हाई लेवल हार्ट और पैनक्रियाज दोनों के लिए जोखिम बनते हैं

क्लबिंग 

इसमें उंगलियों के सिरों का आकार बदलने लगता है, वे नरम और गोल हो जाते हैं और नाखून नीचे की ओर झुकने लगते हैं. कई बार यह हार्मलैस भी होता है, लेकिन बीमारी से जुड़ा क्लबिंग अक्सर शरीर में लंबे समय तक ऑक्सीजन की कमी को दिखाता है. 

स्प्लिंटर हेमरेज

ज्यादातर समय ये हल्की-सी चोट से बनती हैं कहीं हाथ लग गया, नाखून टकरा गया. लेकिन बिना किसी चोट के यह लकीरें दिखाई दें और साथ में बुखार या अनकंट्रोल धड़कन जैसे लक्षण हों, तो यह अंदर छिपे इंफेक्शन, खासकर एंडोकार्डाइटिस का संकेत हो सकता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.