Parsi New Year Wishes: दुनियाभर में नए साल का जश्न 1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में चैत्र मास के पहले दिन नए साल का पर्व मनाया जाता है. इसी तरह भारत में रहने वाले पारसी समुदाय के लोग पारसी कैलेंडर के मुताबिक 16 अगस्त को पारसी नववर्ष यानी नवरोज (Navroz) का पर्व मनाते हैं.


फ़ारसी भाषा में 'नव' का अर्थ है नया और 'रोज़' का अर्थ है दिन, यानि नया दिन. इस दिन को लोग जमशेदी नवरोज, नौरोज, पतेती के नाम से भी जानते हैं. पारसी कैलेंडर में सौर गणना की शुरुआत महान फारसी राजा जमशेद ने की थी. नए साल पर राजा जमशेद को याद किया जाता है.


दुनिया में कब होता है नवरोज?
वैसे पूरी दुनिया में पारसी लोग पारसी पंचांग के पहले महीने के पहले दिन यानी 21 मार्च को नया साल मनाते हैं. कुछ जगहों पर इसे साल में 2 बार मनाने का भी चलन है जिसमें 16 अगस्त और 21 मार्च को छमाही और वार्षिक के रुप में मनाते हैं. जबकि भारत में रहने वाले पारसी शहंशाही पंचांग को मानते हैं. इसलिए ये लोग 16 अगस्त को नवरोज मनाते हैं. 


नवरोज क्यों मनाया जाता है? 
नवरोज यानि पारसी लोगों का नया साल. इसे पिछले 30 हजार सालों से मनाया जा रहा है. इस दिन को फारस के महान राजा जमशेद की याद में मनाया जाता है. उन्होंने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी और इसी दिन सिंहासन भी ग्रहण किया था. यही वजह है कि इसे जमशेद-ए-नौरोज के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग जश्न और खुशियां मनाते हैं. 


नवरोज में क्या होता है खास
सुबह जल्दी उठने के साथ दिन की शुरुआत की जाती है. इस दिन घरों में कई तरह के व्यंजन बनते हैं. लोग एक दूसरे को गिफ्ट और मिठाईयां देते हैं. इस दिन लोग राजा जमशेद की पूजा भी करते हैं. 


नवरोज पर शुभकामना संदेश
1- सुबह हो या शाम हो, दिन हो या रात हो,
हम नहीं भूलेंगे आपसे यह कहना, आज है जमशेदी नवरोज,
दुआ है यही कि ये दिन आपके लिए खास हो.
पारसी नव वर्ष की शुभकामनाएं


2- नव-वर्ष की पावन बेला में
है यही शुभ संदेश, हर दिन आए
आपके जीवन में, लेकर खुशियां विशेष
पारसी नवरोज की हार्दिक शुभकामनाएं।"


3- ऋतु से बदलता पारसी साल, नए वर्ष की छाए मौसम में बहार
बदलाव दिखता प्रकृति में हर तरफ, ऐसा होता है नवरोज का त्योहार. पारसी नव वर्ष की शुभकामनाएं


4- गिला आप से नहीं कोई, गिला हम अपनी मजबूरियों से करते है,
आप आज इस नए साल में हमारे करीब ना सही, मोहब्बत तो हम आपकी दूरियों से करते है, 


5-  कोयल गाए हर डाल-डाल, पात-पात, 
खुश माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर,
खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल
पारसी 'नवरोज' की हार्दिक शुभकामनाएं. 


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