Happy Mother's Day: मां' जिसके बारे में लिखते-लिखते शब्द भी कम पड़ जाते हैं, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. मां की ममता बात-बात पर झलकती है. मां की फटकार में ममता होती है, मां के गुस्से में ममता होती है, मां के प्यार में ममता होती है, मां अगर दूर भी होती है तो भी ममता बरसाती है, अगर आंचल में छिपा लेती है तो भी प्यार लुटाती है. मां ममता का वो सागर है जिसमें भावनाएं हिलोरे लेती हैं. मां को इसीलिए भगवान का दर्जा दिया गया है. मां की ममता को एक मां से बेहतर कौन जान सकता है. सिर्फ मदर्स डे पर ही मां का प्यार याद नहीं आता ये तो हर सांस के साथ याद दिलाता है उस मां की जो हमें इस दुनिया में लेकर आई है. हर खुशी और हर गम में सिर्फ मां ही याद आती है. अगर आपको भी मदर्स को पर अपनी मां को कुछ कहना है तो इन मशहूर शायरी के जरिए अपनी मां को अपने प्यार का अहसास करा सकते हैं.


मां के लिए शायरी


1- स्याही खत्म हो गयी “मां” लिखते-लिखते
उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी
- अज्ञात


2- जब मेरी चिंता बढ़े मां सपने में आए...
हालात बुरे थे मगर अमीर बनाकर रखती थी,
हम गरीब थे, ये बस हमारी मां जानती थी…
-मुनव्वर राना


3- भारी बोझ पहाड़ सा कुछ हल्का हो जाए
जब मेरी चिंता बढ़े मां सपने में आए
-अख़्तर नज़्मी


4- भीगा मां का प्यार...
घर में झीने रिश्ते मैंने लाखों बार उधड़ते देखे,
चुपके चुपके कर देती है जाने कब तुरपाई अम्मा
-आलोक श्रीवास्तव 


5- मैं रोया परदेस में भीगा मां का प्यार
दुख ने दुख से बातें की बिन चिट्ठी बिन तार
-निदा फ़ाज़ली


6- मां की दुआएं साथ चलती हैं...
मुझे मालूम है मां की दुआएं साथ चलती हैं, 
सफ़र की मुश्किलों को हाथ मलते मैंने देखा है
-आलोक श्रीवास्तव 


7- चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है
-मुनव्वर राना


8- मां नहीं सोई...
एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई 'ताबिश'
मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है 
-अब्बास ताबिश


9- मां की दुआ रखी थी...
ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है
- तनवीर सिप्रा


10- इस लिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर
मेरी शह-रग पे मेरी मां की दुआ रखी थी
- नज़ीर बाक़री


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