पणजी: स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 मरीजों के लिए Baricitinib दवा को इलाज के अतिरिक्त प्रोटोकॉल में शामिल करने पर काम कर रहा है. शनिवार को गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सुनिश्चित करेगी कि मरीज को दवा शरीर में ऑक्सीजन की मांग कम कर दे और उसके चलते बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की कम जरूरत पड़े जिससे उसके सांस फूलने की परेशानी कम हो और 'साइटोकॉइन स्ट्रोम' की रोकथाम में भी प्रभावी होगी. 


क्या Baricitinib दवा कोविड-19 का करेगी इलाज?


साइटोकॉइन इंसानी शरीर की कोशिकाओं के अंदर एक तरह के प्रोटीन के रूप में मौजूद होते हैं और हमारे शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स सिस्टम का ही एक हिस्सा होते हैं. उनकी भूमिका शरीर को विभिन्‍न तरह के संक्रमण से बचाने और लड़ने में मदद करने की है. लेकिन जब वायरस हमारे शरीर पर अटैक करता है, तो शरीर में आवश्यकता से ज्यादा साइटोकॉन बनने लगते हैं. ऐसी स्थिति में उनकी मात्रा में अनियंत्रित बढ़ोतरी होने से ये कोशिकाओं पर ही हमला करना लगते हैं, जिससे शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसके साथ ही शरीर के कई अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.


गोवा ने इलाज के अतिरिक्त प्रोटोकॉल में किया शामिल


एक ट्वीट में राणे ने कहा, "डॉक्टरों की विषेषज्ञ टीम से कल आयोजित हमारी मुलाकात के बाद स्वास्थ्य विभाग इलाज के अतिरिक्त प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है और उसको कर्नाटक सरकार ने अपनाया है जबकि DRDO और ICMR की तरफ से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है."



मनीपाल अस्पताल और राज्य के क्रीटिकल केयर सपोर्ट टीम के सदस्य डॉक्टर अनूप अमरनाथ ने Baricitinib टैबलेट के इस्तेमाल को मंजूरी और समर्थन दिया है. ये दवा रेमडेसिविर के साथ लक्षण के पांचवें दिन से मुंह से खिलाई जानेवाली दवा है." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "Baricitinib के इस्तेमाल ने मरीजों को शरीर में ऑक्सीजन की मांग कम कर दी और उसके चलते बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की कम जरूरत पड़ी जिससे उनके सांस फूलने की परेशानी कम हो गई और साइटोकॉन स्ट्रोम की रोकथाम में भी असरदार साबित हुई थी." उन्होंने ये भी कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह से इलाज के प्रोटोकॉल को आगे संशोधित किया जाएगा. आपको बता दें कि Baricitinib दवा आम तौर से व्यस्कों में गठिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. 


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