अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची अपनी डाइट में दो विटामिन सी और डी लेते हैं. आम लोगों के लिए उनकी सलाह पर्याप्त नींद, स्वस्थ डाइट और तनाव कम करनेवाले तीन अहम प्रभावी उपाय हैं जिससे इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाया जा सके. उनके हवाले से कहा जाता है कि किसी सप्लीमेंट्स से ज्यादा इससे सेहत को फायदा पहुंचता है.


डॉक्टर फाउची के हवाले से गलतबयानी


डॉक्टर फाउची ने अपने हवाले से किए जा रहे दावों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि महामारी काल में उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता रहा है. उन्होंने बताया, "मैंने इसके साथ जीना सीख लिया है. मेरी बातों को संदर्भ से बाहर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है." दरअसल ये मुद्दा उस वक्त सामने आया जब खुद के बारे में अभिनेत्री जेनिफर गार्नर को उन्होंने बताया था कि दो विटामिन सप्लीमेंट्स डी और सी लेते हैं. उन्होंने कहा था, "अगर लोग विटामिन सी एक ग्राम इस्तेमाल करते हैं तो ये ठीक होगा." उसके बाद से ही उनका बयान इंटरनेट पर वायरल हो गया.


उन पर आरोप लगाए गए कि लोगों से रामबाण के बारे में कुछ छिपा रहे हैं जिसकी उन्हें जानकारी है. उन्होंने बताया कि आम लोगों के लिए उनका तरीका जरूरी नहीं था और न ही विटामिन को बीमारी के खिलाफ अचूक बता रहे थे. डॉक्टर फाउची ने कहा, "जब लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं कौन सी विटामिन इस्तेमाल करता हूं, तब मैंने बहुत स्पष्ट तरीके से उन्हें समझाने की कोशिश की थी." डॉक्टर फाउची का कहना है कि आज भी महामारी को काबू में करने के उपायों में तीन प्रमुख हैं. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल और सफाई से रोग को कम किया जा सकता है. इसकी वकालत महीनों से डॉक्टर फाउची करते रहे हैं.


इम्युन सिस्टम मजबूत करने के बेहतरीन उपाय


कुछ लोगों के लिए डाइट में विटामिन डी को शामिल करना मुफीद साबित हो सकता है. इस बात के मजबूत सबूत हैं कि विटामिन डी की कमी से संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है. कभी-कभी लोग बहुत ज्यादा धूप में नहीं रहते हैं. ऐसे लोगों में विटामिन डी की कमी होती है. उन्होंने कहा, "इसलिए मेरा विटामिन डी लेवल आम तौर से कम होता है. इसके लिए मैंने विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेना शुरू किया और अब मेरा विटामिन डी लेवल सामान्य है." विटामिन डी शरीर में सूजन कम करने के अलावा हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखता है.


इसलिए सभी उम्र और रंगों वाले लोगों को विटामिन डी लेना जरूरी होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हर शख्स को इसकी कमी है और उसे इसके बदले मल्टीविटामिन चाहिए. फाउची ने कहा कि जब लोग मल्टीपल मल्टीविटामिन और औषधी के बारे में बात करते हैं और इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय करते हैं तो इससे वास्त में इम्युनिटी नहीं बढ़ती है.


क्या डिप्रेशन के खतरे की पहचान ह्रदय गति में होनेवाले उतार चढ़ाव को मापकर किया जा सकता है?


क्या हल्दी गठिया के दर्द से लड़ सकती है? वैज्ञानिकों ने बताया घुटनों के दर्द में प्लेसेबो से ज्यादा प्रभावी