Best Foods For Gut Health: साल 2025 में भारत में फर्मेंटेड फूड्स की जबरदस्त वापसी देखने को मिली. जो चीजें कभी घरों की रसोई तक सीमित थीं, वे अब लाइफस्टाइल और वेलनेस ट्रेंड बन गईं. इस बदलाव के पीछे आंतों की सेहत, इम्युनिटी और सोच-समझकर खाने की बढ़ती जागरूकता रही. शहरी बाजारों में पारंपरिक और ग्लोबल दोनों तरह के फर्मेंटेड फूड्स की मांग तेजी से बढ़ी।
2025 में फर्मेंटेड फूड्स सिर्फ यादों से जुड़ा खाना नहीं रहे, बल्कि एक मॉडर्न हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गए. दही, इडली-डोसा बैटर जैसे देसी विकल्पों के साथ-साथ किमची, कोम्बुचा और केफिर जैसे इंटरनेशनल फूड्स भी लोगों की थाली में जगह बनाने लगे. फर्मेंटेशन अब माइंडफुल ईटिंग, गट हेल्थ और न्यूट्रिशन से जुड़ा एक मजबूत ट्रेंड बन चुका है.
परंपरा से ट्रेंड तक का सफर
भारतीय खान-पान में फर्मेंटेड फूड्स हमेशा से मौजूद रहे हैं. दही, छाछ, इडली, डोसा, कांजी और अलग-अलग राज्यों के फर्मेंटेड चावल या मिलेट्स से बने व्यंजन रोजमर्रा के खाने का हिस्सा रहे हैं. लेकिन 2025 में इनकी अहमियत नए नजरिए से समझी गई. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस साल फर्मेंटेड फूड्स वायरल ट्रेंड बने और इनके पाचन, इम्युनिटी और मेटाबॉलिज्म से जुड़े फायदे खुलकर सामने आए. अब सुपरमार्केट और हेल्थ-फूड स्टोर्स में रेडी-टू-ईट फर्मेंटेड प्रोडक्ट्स आसानी से मिलने लगे हैं. प्रोबायोटिक योगर्ट, कोम्बुचा की बोतलें, किमची के जार और रेडी बैटर शेल्फ पर आम दिखने लगे. मार्केट एनालिसिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 के बाद भारतीय फर्मेंटेड फूड मार्केट में तेज ग्रोथ की उम्मीद है, खासकर मेट्रो शहरों में.
गट हेल्थ और इम्युनिटी पर फोकस
इस ट्रेंड के पीछे सबसे बड़ी वजह सेहत है. फर्मेंटेड फूड्स में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के माइक्रोबायोम को मजबूत बनाते हैं. जैसे-जैसे पाचन संबंधी दिक्कतें और लाइफस्टाइल बीमारियां बढ़ीं, लोग दवाओं की बजाय खाने को इलाज के तौर पर देखने लगे. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फर्मेंटेशन से पोषक तत्व बेहतर तरीके से शरीर में एब्जॉर्ब होते हैं, जिससे इम्युनिटी मजबूत होती है और वजन कंट्रोल में मदद मिलती है. 2025 में मिलेट्स भी इसी हेल्दी फूड मूवमेंट का अहम हिस्सा बने. फर्मेंटेड रागी, ज्वार और बाजरा से बने डोसा-इडली दोबारा लोकप्रिय हुए. वहीं मखाना जैसे पारंपरिक स्नैक्स को भी सुपरफूड का दर्जा मिला, जिन्हें लोग भूनकर, मसालों के साथ या दही-आधारित रेसिपीज में शामिल करने लगे.
फ्यूजन और इनोवेशन का दौर
2025 सिर्फ पुराने खाने को दोहराने का साल नहीं रहा, बल्कि उसे नए अंदाज में पेश करने का भी रहा. कैफे और रेस्टोरेंट्स में किमची टैको, कोम्बुचा मॉकटेल, फर्मेंटेड सब्जियों की सलाद और मिलेट-किमची डोसा जैसे फ्यूज़न डिशेज देखने को मिले. कई फूड स्टार्टअप्स ने प्रोबायोटिक ड्रिंक्स, आर्टिसनल अचार, रेडी-टू-कुक फर्मेंटेड बैटर और हेल्दी मखाना स्नैक्स पर काम शुरू किया.
खाने को लेकर सोच में बदलाव
इस पूरे ट्रेंड के पीछे भारत में खाने को लेकर सोच बदलने का बड़ा संकेत छिपा है. अब लोग सिर्फ स्वाद या कैलोरी नहीं देखते, बल्कि पाचन, इम्युनिटी और लंबे समय तक सेहत पर असर को प्राथमिकता देने लगे हैं. 2025 की लाइफस्टाइल रिपोर्ट्स बताती हैं कि लोग ग्लोबल फ्लेवर अपनाने के साथ-साथ देसी खानपान की ओर भी लौट रहे हैं.
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