भारत के कई हिस्सों में दूध का उबलकर बाहर गिरना अपशगुन माना जाता है. इसीलिए लोग दूध गर्म करते हुए काफी सावधानी बरतते हैं. क्योंकि अगर दूध उबल के बाहर गिर जाए तो फिर कभी-कभी डांट भी खानी पड़ जाती. लेकिन ऐसा दूध के साथ ही क्यों है पानी के साथ ऐसा क्यों नहीं होता. पानी हम उबलने रख देते हैं लेकिन पानी कभी उबलकर बाहर नहीं गिरता है. कौन सी प्रक्रिया है जिससे ज्यादा उबलने से दूध तो बाहर गिर जाता है लेकिन पानी नहीं. आइए जानते हैं. 


उबलने के बाद बाहर निकलने लगते हैं दूध के मिनरल्स


दूध उबालने रखने के बाद जब वह गर्म हो जाता है और ऊपर की ओर आने लगता है तो बर्तन से बाहर गिर जाता है. दरअसल दूध में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट होते हैं. प्रतिशत में बात की जाए तो दूध में सबसे ज्यादा 87% पानी होता है. वहीं, 4% प्रोटीन तो 5% लैक्टोज होता है. दरअसल, दूध में सबसे अधिक मात्रा में पानी होता है तो पानी गर्म होने के बाद भाप बनने लगता है. लेकिन दूध में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व पहले से मौजूद होते हैं. तो वह गाढ़े होकर ऊपर एक परत बना लेते हैं. ऐसे में भाप को बाहर आने की जगह नहीं मिल पाती. जब भाप बाहर नहीं आ पाती, तब वह ऊपर बनी हुई परत को बाहर की ओर धकेल देती है. ऐसे में दूध बाहर गिर जाता है. 


पानी उबलकर क्यों नहीं गिरता? 


दूध में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैट जैसे तत्व मौजूद होते हैं, इसीलिए जब वह उबलता है तो उबलने के बाद उसमें एक परत बन जाती है. जिसके चलते भाप परत को बाहर गिरा देती है.  लेकिन अगर पानी की बात की जाए तो पानी में ऐसा कुछ नहीं होता, इसीलिए पानी गर्म होने के बाद भी उबलता ही रहता है बाहर नहीं गिरता. 


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