Saree Care Tips: भारत परंपरा, संस्कृति का देश है और साड़ी यहां का एक पारंपरिक पहनावा है. यह न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि हर रंग-रूप और साइज़ की महिला को बिना किसी भेदभाव खूबसूरत भी महसूस करवाता है. ज्यादातर यही देखने को मिलता है कि महिलाएं साड़ी को धोने या सूखने के तुरंत बाद पहन लेती हैं, कभी भी इस्त्री करने या प्रेस करने की जहमत नहीं उठाती हैं. जबकि साड़ी अलग बनावट और अलग फैब्रिक की होती है. इसलिए इनकी देखभाल भी अलग-अलग तरीके से करनी पड़ती है. इनमें कॉटन और सिल्क की साड़ियों को आयरन करने को लेकर काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. अगर आपको भी नहीं पता कि सूती और सिल्क की साड़ियों को प्रेस करने का सही तरीका क्या है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं.


सिल्क, कॉटन साड़ी को इस्त्री करने का सही तरीका क्या है?


स्टेप 1: सबसे पहले सुनिश्चित करें कि साड़ी बनावट कैसी है और यह कितना तापमान सह सकता है.


स्टेप 2: अलग-अलग बनावट वाले कपड़ों को अलग-अलग तापमान की आवश्यकता होती है. हर साड़ी एक ही टेम्परेचर पर प्रेस करने की गलती न करें.


स्टेप 3: साड़ी को प्रेस करते हुए ध्यान रखें कि आयरन कोई दाग न छोड़े. कुछ आयरन ऐसे होते हैं जो कपड़ों पर दाग छोड़ देते हैं इससे साड़ी पर निशान लग सकता है. साथ ही इससे साड़ी और उसके डिज़ाइन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.


स्टेप 4: साड़ी को प्रेस करते हुए ध्यान रखें कि आयरन सीधी साड़ी की सतह पर न हो, चाहे वह सूती, रेशम, शिफॉन या जॉर्जेट ही क्यों न हो. इसके बजाय कपड़े पर कागज या तौलिया रखकर इस्त्री से दबाएं. 


स्टेप 5: साड़ियों को प्रेस करने या इस्त्री करने से पहले उन्हें गीला कर लें. खासकर सूती, रेशम, शिफॉन और जॉर्जेट साड़ियों को अच्छी तरह से गीला कर लेना चाहिए. ऐसा करने से सतह समतल हो जाती है, जिससे प्रेस को साड़ी की सतह पर चलाने में आसानी होती है.


स्टेप 6: साड़ी के बॉर्डर पर ध्यान दें कि वह ठीक से दबा हुआ और इस्त्री किया हुआ हो. चूंकि यह पहली चीज़ होती है, जिसे लोग नोटिस करते हैं.


नोट: यह जरूर ध्यान रखें कि इस्त्री करते समय साड़ी को दो भागों में बांट लें, जिससे इसकी डिज़ाइन या बनावट प्रभावित न हो. इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि, चाहे साड़ी रेशम की साड़ी हो, सूती, शिफॉन या जॉर्जेट की हो इस्त्री करने से पहले वह धुली हुई होनी चाहिए. बगैर धुले साड़ी को इस्त्री करने से इसपर धूल के कणों के चिपकने का खतरा अधिक होता है.