चांदी हमेशा से भारतीय महिलाओं को हमेशा से लुभाती रही है. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि सोने और हीरे के गहनों की कीमत को वहन करने की इजाजत हर किसी की जेब नहीं देती है. इसके अलावा भी हमारी परंपराओं में चांदी का विशेष स्थान है. भारतीय महिलाओं के कई गहने चांदी में ही तैयार किए जाते हैं. ज्योतिष के हिसाब से यह धातु ‘मन’ से जुड़ी है. इसलिए मन को स्थिर रखने, भावनाओं पर नियंत्रण और चित्त शांत रखने के लिए इसके गहने पहने जाते है. लेकिन मुश्किल इस बात की है कि बाजार में डुप्लिकेट चांदी भी जमकर बिक रही है, ऐसे में असली और नकली चांदी में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में हम बता रहे हैं आपको वे आसान तरीके जिनसे आप चुटकी में ओरिजनल सिल्वर ज्वैलरी को पहचान पाएंगे. 


होलमार्क


सोने की ही तरह चांदी के आभूषण भी एक प्रामाणिक हॉलमार्क के साथ आते हैं. यह मार्क हमेशा ज्वैलरी पर कहीं न कहीं अंकित होती है, जो अक्षर, प्रतीक या संख्या हो सकती है. हो सकता है कि इसे देखने के लिए लैंस की भी जरूरत पड़े. भले ही आप किसी  किसी प्रसिद्ध ब्रांड से ज्वैलरी क्यों ना खरीदो, लेकिन इसके प्रमाणिकता तो परखनी ही चाहिए.


चुंबक से जांचे


चांदी कभी भी चुम्बक से आकर्षित नहीं करती. ऐसे में यदि आप सिल्वर ज्वैलरी खरीदने जा रहे हैं तो एक औसत आकार का चुंबक खरीदना लें जो आपको आसानी से मिल जाएगा. आपको चांदी के आभूषणों को किसी भी नॉन मैग्नेटिक सर्फेस जैसे कांच या लकड़ी की मेज पर रखना होगा और धीरे-धीरे चुंबक को के टुकड़े के करीब लाना होगा. यदि यह मैग्नेट से अट्रेक्ट नही होती है तो यह ओरिजनल चांदी है.


बर्फ का टुकड़ा


यह चांदी के आभूषणों के परीक्षण का एक मजेदार तरीका है. इसमें आपको आभूषण के ऊपर बस एक बर्फ का टुकड़ा रखना होगा. चांदी अन्य धातुओं की तुलना में बेहतर तरीके से गर्मी का संचालन करती है. इसलिए यदि बर्फ का टुकड़ा तेजी से पिघलता है, तो समझ जाइए कि आपकी चांदी असली है.