Kajal Side Effect: खूबसूरती की नजर उतारने के लिए अक्सर काजल का इस्तेमाल किया जाता है. महिलाओं के सोलह सिंगार में से एक है काजल. यहां तक कि कुछ पुरुष भी आंखों में काजल या सूरमा लगाते हैं. बच्चों को तो आंखों में, गाल पर, माथे पर और कान के पीछे भी काजल लगाया जाता है. लोगों का मानना है कि इससे आंखें बड़ी और खूबसूरत होती है. ये बच्चे को बुरी नजर बचाने का अचूक नुस्खा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना काजल या फिर सूरमा लगाने से हमारी आंखों पर इसका गलत प्रभाव भी पड़ सकता है? आज हम आपको काजल से जुड़े कुछ ऐसे प्वाइंट्स बता रहे हैं, जिससे इसका आपकी आंखों पर गलत असर पड़ सकता है. 

 

आंखों की इनर लेयर में न करें मेकअप या काजल का यूज

काजल का इस्तेमाल आमतौर पर हर एक स्त्री करती है. छोटे बच्चों को भी हम बिना सोचे समझे काजल लगा देते हैं, लेकिन हमारी आंखें बहुत ही अनमोल होती है. और बिना मेकअप की भी यह बहुत खूबसूरत होती है. हमें इनकी बहुत अच्छे से केयर करनी चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक काजल या फिर सुरमा लगाने से बचें. क्योंकि काजल में मौजूद कुछ रसायन आंखों के अंदर सूजन पैदा कर सकते हैं. वहीं, आंखों पर लगाए जाने वाले किसी भी तरह के मेकअप के इस्तेमाल से पूरी तरह बचना चाहिए. आंखों के अंदर लगाए जाने वाले मेकअप के लिए इस बात का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. 

 

आंखों को अच्छी तरह साफ करें

अगर आप आई मेकअप करते हैं तो हमेशा सोने से पहले आंखों को अच्छी तरह साफ करें.मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल कर अपने मेकअप जरूर हटाएं. वहीं, कभी भी एक्सपायरी डेट के बाद कॉस्मेटिक का यूज बिल्कुल भी ना करें.  बच्चों को काजल लगाने के लिए डॉक्टर्स भी मना करते हैं. अगर आपके लिए काजल लगाना बहुत ही ज्यादा मायने रखता हैं तो मार्केट वाला केमिकल युक्त काजल लगाने की बजाए आप घर में बना नेचुरल काजल लगाएं.

 

जानें क्या-क्या हैं रोज काजल लगाने के  साइड इफेक्ट्स 


  • कंजंक्टिवाइटिस इस आमतौर पर आंख आना भी कहते हैं

  • संक्रामक एलर्जी- आंख में इंफेक्शन है तो काजल न लगाएं, क्योंकि इससे आंख में जलन होगी और इंफेक्शन भी बढ़ जाएगा.

  • केमिकल रिएक्शन यानी रासायनिक प्रतिक्रिया यानी बैक्टीरिया का संक्रमण आसानी से हो जाता है

  • काजल से मेइबोमाइटिस, स्टाई और होर्डियोलम यानी कि आंखों की पलकों की ग्रंथियों का संक्रमण यानी जिससे संभावित रूप से अंधापन हो सकता है.

  • कॉर्नियल अल्सर, ग्लूकोमा ड्राई आईज सिंड्रोम,कंजेक्टिवल मलिनकिरण हो सकता है.

  • काजल में मौजूद कुछ केमिकल आंखों के अंदर सूजन पैदा कर सकते हैं, जिसे यूवाइटिस कहते हैं

  • कुछ तत्व आंखों के दबाव को बढ़ा सकते हैं, जिससे ग्लूकोमा होने की संभावना बढ़ जाती है.

  • काजल के रोजाना इस्तेमाल से अश्रु ग्रंथियों में घाव हो सकता है, जिससे ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है.


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