Ear Pierching Benefits: कान छिदवाना भारत में चली आ रही एक प्राचीन भारतीय प्रथा है, जिसे कर्ण वेध के नाम से भी जाना जाता है. हिन्दू संस्कृति में कान छिदवाने का एक अलग ही महत्व हैं. यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, साथ ही यह मनुष्य जीवन के विभिन्न चरणों को चिह्नित करने और पालन-पोषण को दर्शाने के लिए किए गए 16 संस्कारों, अनुष्ठानों में से एक है. कभी कभी आपको लग सकता है कि कान छिदवाना सिर्फ एक स्टाइलिश ट्रेंड है लेकिन इसमें और भी बहुत कुछ जानने लायक है. आज हम आपको कान छिदवाने के फायदों के बारे में बताएंगे.

 

कान छिदवाने से होने वाले फायदे

 

बढ़ाता है सुनने की क्षमता

एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट के मुताबिक, कान के नीचे वाले हिस्से पर मास्टर सेंसोरल और मास्टर सेरेब्रल नाम के 2 इयर लोब्स होते हैं. इस हिस्से के छिदने पर बहरापन दूर हो जाता है.

 

ब्रेन हेल्थ

 कहा जाता है कि बच्चों का कम उम्र में ही कान छिदवाने से मस्तिष्क का उचित विकास होता है. इयर लोब में मेरिडियन पॉइंट होता है जो दाएं गोलार्ध को मस्तिष्क के बाएं गोलार्ध से जोड़ता है. इस बिंदु को छेदने से मस्तिष्क के इन हिस्सों को सक्रिय करने में मदद मिलती है. 

 

 तेज होती है आंखों की रोशनी

कान छिदवाने से आंखों की रोशनी तेज होती है. दरअसल, कान के नीचे वाले हिस्से में एक प्वॉइंट होता है. इस प्वॉइंट के पास से आंखों की नसे गुजरती हैं. जब कान के इस प्वॉइंट को छिदवाते हैं तो इससे आई साइट तेज होने में मदद मिलती है.

 

पाचन में सुधार करता है 

कहा जाता है कि कान छिदवाने से शरीर का वो प्वॉइंट खुल जाता है जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बैलेंस करने में मदद करता है. कान छिदवाने से मोटापे के चांसेज भी कम हो जाते हैं.

 

स्पर्म प्रोडक्शन

पुरुषों में, कान छिदवाना स्पर्म प्रोडक्शन में मदद करने के लिए माना जाता है और यही कारण है कि लड़कों के लिए कान छिदवाना कई जगहों पर जरूरी होता है. 

 

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