कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है. विकट स्थिति के बीच टेलीमेडिसिन परामर्श नागरिकों के लिए मेडिकल सहायता तलाश करने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल के तौर पर उभरा है. हालांकि, अन्य सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरह, यहां भी कुछ कमियां हैं जिसका असामाजिक तत्व फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. 


सरकार ने लोगों को ऑनलाइन मेडिकल परामर्श की सुविधा इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतने और सावधान रहने को कहा है. उसने सुरक्षा टिप्स उन लोगों के लिए शेयर किया है जो मेडिकल सलाह ऑनलाइन चाहते हैं. ट्विटर पर एक पोस्ट में सरकार ने लोगों को धोखेबाजों के खिलाफ चेताया है जो डॉक्टर बनकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धोखा दे सकते हैं. उसमें आगे यूजर को सुझाया गया है कि एडवांस पेमेंट न करें और किसी तरह की वित्तीय लेनदेन करते वक्त चौकन्ना रहें. गृह मंत्रालय के अधीन संचालित ट्विटर हैंडल CyberDost ने इन टिप्स को ऑनलाइन साझा किया है. 


ऑलनाइन मेडिकल परामर्श लेते वक्त रहें सावधान


1. धोखेबाज खुद को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डॉक्टर का रूप धारण कर सकते हैं और लोगों को टेलीमेडिसिन-परामर्श के नाम पर चूना लगा सकते हैं.


2. अग्रिम भुगतान करते वक्त चौकन्ना रहें.


3. टेलीमेडिसीन, परामर्श की सूरत में अपराध होने पर अपने करीबी पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट दें या www.cybercrime.gov.in पर सूचित करें.



देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक आई वृद्धि से स्वास्थ्य प्रणाली तनाव के नीचे चरमरा गई है. जगह-जगह से अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी की खबरों से मरीजों की जान मुश्किल में है. ऐसी परिस्थिति में डॉक्टरों से ऑलनाइन परामर्श तुलनात्मक रूप से आसान, तेज और इलाज की संरक्षित तकनीक हो सकती है. 


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