GST Composition Scheme: जैसे-जैसे वस्तु एवं सेवा कर का दर और दायरा (GST Rate Hike) बढ़ता जा रहा है, अब सुपरमार्केट के बिल से लेकर सिनेमा हॉल के टिकट तक पर हमें भारी-भरकम जीएसटी चुकाना पड़ रहा है. लेकिन यह बात सभी जागरुक ग्राहक को पता होनी चाहिए कि उन्हें हर जगह जीएसटी चुकाने की जरूरत नहीं है. दरअसल, जिन व्यापारियों ने सरकार से जीएसटी की कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले रखा है, वह अपने ग्राहकों से जीएसटी नहीं वसूल सकता.


जीएसटी कॉम्पोजिशन स्कीम क्या है?


किसी भी वस्तु या सेवा लेने पर हमें न केवल उसकी कीमत दुकानदार को देनी होती है, बल्कि उस पर लगने वाला निर्धारित टैक्स भी सरकार को देना होता है. जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर (GST is Indirect Tax) है. यानी यह टैक्स हम सरकार को सीधे ना देकर व्यापारियों के माध्यम से सरकार को देते हैं. छोटे व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ दिया जाता है.


इस स्कीम से लाभान्वित व्यापारियों को केवल अपने वार्षिक टर्नोवर का 1 से 6 फीसदी हिस्सा ही जीएसटी के तौर पर सरकार को देना होता है. इसलिए जो भी दुकानदार या व्यापारी कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले रहे हैं, उन्हें ग्राहकों से जीएसटी वसूलने की न तो जरूरत है और न ही अनुमति.


कैसे जानें, कोई व्यापारी कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले रहा है या नहीं?



  1. बिल देखें (Bill Of Supply): जो भी व्यापारी जीएसटी कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले रहे हैं उन्हें अनिवार्य रूप से अपने बिल पर “composition taxable person, not eligible to collect tax on supplies” लिखना होगा. अगर बिल (Bill Of Supply) पर यह चीज लिखी है तो वह व्यापारी आपसे जीएसटी नहीं मांग सकता.

  2. जीएसटी पोर्टल (GST Portal): अगर आपने कहीं पेमेंट की है और यह जानना चाहते हैं कि वह दुकानदार या व्यापारी स्कीम का लाभ ले रहा है या नहीं तो बिल पर लिखे कंपनी के नाम और जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से आप यह जानकारी हासिल कर सकते हैं-



  • स्टेप-1: जीएसटी के पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जाएं और "Search Taxpayer" पर क्लिक करें.

  • स्टेप-2: इसके बाद "Search Composition Taxpayer" पर क्लिक करें और राज्य या जीएसटी नंबर के आधार पर उस व्यापारी का स्टेटस चेक करें.

  • स्टेप-3: अगर उसका नाम लिस्ट में है और उसने आपसे बिल में जीएसटी वसूला है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं. आप जीएसटी ग्रिवांस रिड्रेसल कमिटी से पोर्टल https://bit.ly/3QTDTK5 के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं.



  1. श्रेणी और टर्नोवर (Turnover): नियम के मुताबिक, वैसे रेस्त्रां जहां शराब नहीं परोसी जाती या वो मैनुफैक्चरर, ट्रेडर और अन्य सेवा देने वाले व्यापारियों जिनका सालाना टर्नोवर 75 साल से डेढ़ करोड़ तक का है उन्हें इस स्कीम का लाभ मिलता है. यानी वे आपसे जीएसटी नहीं वसूल सकते. हालांकि, आइसक्रीम, पान मसाला, गुटखा, ई-कॉमर्स और अंतर-राज्यीय व्यापार करने वालों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलता.


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