What is Emergency Fund And Where To Keep It: निवेश (Investment Goals) या बचत (Savings Tips) से पहले जरूरी है वित्तीय आत्मनिर्भरता (Financial Independence). नौकरीपेशा या व्यवसायी ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के पास कुछ पैसे अलग से होने चाहिए, जो इमरजेंसी में काम आए. अचानक अगर घर में बड़ा खर्च आ जाए, किसी का इलाज, कोई एक्सिडेंट, मकान रिपेयर या अचानक आपकी नौकरी ही चली जाए, ऐसे में आपका कोई भी जरूरी काम न रुके और पैसों की टेंशन न लेनी पड़े, इसके लिए इमरजेंसी फंड बहुत जरूरी है.


इमरजेंसी फंड नहीं रखें, तो क्या होगा


अगर आपके सामने कोई ऐसा खर्च आ जाए जिसकी आपको उम्मीद नहीं थी और जो आपके मासिक इनकम से बहुत ज्यादा है, तो उसकी भरपाई के लिए आपको कर्ज लेना होगा. यह आप पर वित्तीय बोझ बढ़ाता जाएगा. आप न तो पैसों की बचत कर पाएंगे और न ही निवेश. इसलिए किसी भी वित्तीय बोझ के जाल में फंसने से बचना है और अपने निवेश-बचत को भी निरंतर जारी रखना है तो इसका सबसे आसान तरीका है इमरजेंसी फंड तैयार रखना.


इमरजेंसी फंड कैसे तैयार करें



  • अगर आपको हर महीने एक निश्चित राशि या वेतन मिलता है तो आप उस राशि का 12 गुणा राशि जमा करें और इमरजेंसी फंड के तौर पर अलग रखें.

  • अगर आपके पास किसी महीने ज्यादा और किसी महीने कम आय हो, तो इमरजेंसी फंड का आंकलन करने के लिए आप सबसे पहले अपने महीने के बेसिक खर्चों जैसे किराया, भाड़ा, राशन, सब्जी, दवाओं और अन्य बिल के खर्चों को एक जगह जोड़ लें. अब इस कुल राशि में ईएमआई, इंस्टॉल्मेंट आदि मासिक किश्त की कुल राशि को जोड़ दें. इन दोनों खर्चों यानी महीने के मूल खर्चों और मासिक किश्त का जोड़ निकले उसे 12 से गुणा कर दें. वह आपका इमरजेंसी फंड होगा.

  • जब भी आपके पास पैसे आएं उसमें अपने मूल जरूरत के अलावा जो पैसे बचें उसे न तो निवेश करें या कहीं खर्च करें, उसे अपने इमरजेंसी फंड वाले अकाउंट में डाल दें. जब आपका इमरजेंसी फंड (Emergency Fund Corpus) तैयार हो जाए, तब आप अन्य चीजों में निवेश या खर्च करें.


कहां रखें इमरजेंसी फंड?


इमरजेंसी फंड ऐसी जगह रखें जहां ब्याज भले ही कम मिले लेकिन जरूरत के वक्त वह राशि आसानी से आपको मिल सके.


वैसे तो आप अपने समूचे इमरजेंसी फंड को किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट कर दें. लेकिन इस राशि पर ब्याज का लाभ भी चाहिए तो उसमें से 20 फीसदी हिस्सा कैश अपने घर की तिजोरी में रखें. अन्य 20 फीसदी हिस्सा बैंक में एफडी  कर दें. शेष 60 फीसदी लिक्विड म्यूच्युअल फंड (Liquid Mutual Fund) में निवेश कर दें. लिक्विड फंड को आप जब चाहें तोड़ सकते हैं और इस्तेमाल कर सकते हैं. इस पर पेनाल्टी नहीं लगती.


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