IN PICS: अफसर ने पांव पकड़कर लगाई इंसाफ की गुहार, पर चलती कार से ढकेलकर भाग निकले बड़े साहब
ब्लॉक के एडिशनल डेवलपमेंट आफिसर यानी एडीओ रईस उज जमां ने कुछ महीनो पहले कई गांवों में लोहिया आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना में पैसे लेकर फर्जीवाड़ा करते हुए गलत लोगों को मकान एलाट करने का खुलासा करते हुए बीडीओ और दूसरे अफसरों से इस मामले में कार्रवाई की सिफारिश की थी.
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View In Appपीड़ित अफसर अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करा रहा है जबकि ज़िले के ज़िम्मेदार अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है और वह मीडिया में कोई भी बयान देने को तैयार नहीं है.
डीएम-सीडीओ व दूसरे अफसरों की बेरुखी उनके रवैये से घबराए एडीओ रईस उज जमां इसके बाद मौके पर बचे बीडीओ शलभ श्रीवास्तव के पैरों पर गिर पड़े और उनसे इंसाफ करने की गुहार लगाई. पत्नी नाजनीन भी रोते हुए अपने लिए इंसाफ मांगती रही लेकिन सरकारी कार की पिछली सीट पर बैठे पत्थरदिल बीडीओ शलभ श्रीवास्तव कुछ भी सुनने को राजी नहीं हुए. गाड़ी आगे बढ़ने लगी तब भी एडीओ रईस उज जमां बीडीओ के पैरों पर ही गिरे रहे.
बहरहाल आंखों में आंसू भरकर डीएम से फ़रियाद करने, बीडीओ के पैर पकड़कर उनसे इंसाफ की गुहार लगाने, बीडीओ द्वारा अफसर को चलती कार से धक्का देकर धकेलने और अफसरों द्वारा बेरुखी दिखाए जाने की तस्वीरें मीडिया के कैमरे में कैद होने के बाद हड़कंप मच गया है.
कार से ढकेले गए अफसर ने पीएम मोदी और सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगाई है.
परिवार के लोग बाद में उन्हें अस्पताल ले गए. इस मामले में बड़े अफसरान फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
डीएम ने उनकी रिपोर्ट के आधार पर ग्राम विकास अधिकारी मोहम्मद नसर को सस्पेंड भी कर दिया. बाकी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर एडीओ रईस उज जमां ने अपनी रिपोर्ट सीधे नई सरकार को भी भेज दी. आरोप है कि मामला शासन तक भेजे जाने से ज़िले के अफसर उनसे चिढ गए.
इस बीच मौका पाकर बीडीओ ने चलती कार से एडीओ को धक्का देकर उन्हें बाहर ढकेल दिया और कार दौड़ाते हुए वहां से भाग निकले. चलती कार से धक्का दिए जाने की वजह से एडीओ रईस उज जमां ज़मीन पर गिरकर तड़पने लगे और वहाँ चीख पुकार मच गई.
यहाँ एडीओ रईस उज जमां और उनकी पत्नी नाजनीन ने आँखों में आंसू भरकर डीएम अखंड प्रताप सिंह व दूसरे अफसरों से उनका पक्ष सुनने व इंसाफ की फ़रियाद की लेकिन खुन्नस खाए अफसरों ने इनकी बातों पर गौर नहीं किया और पुलिस से उन्हें हटवाकर आगे चलते बने.
मुश्किल में फंसे अफसर और उसकी पत्नी ने इस दौरान डीएम से भी रोते हुए मदद की गुहार लगाई लेकिन वह भी बेरुखी दिखाते हुए इनकी बात सुने बिना ही चले गए.
सरेआम फटकारे जाने की खबर एडीओ रईस उज जमां के परिवार को मिली तो उनकी पत्नी नाजनीज व परिवार का एक अन्य सदस्य भी एदिलपुर गाँव पहुँच गए.
बड़े अफसरों को जब यह लगा कि योगी सरकार तक मामला पहुंचने के बाद इस मामले में ऊपर से कार्रवाई हो सकती है तो डीएम अखंड प्रताप सिंह तमाम दूसरे अफसरों को साथ लेकर बुधवार को ब्लॉक के एदिलपुर गांव पहुंचे. आरोप है कि अफसरों ने वहां एडीओ रईस उज जमां को बुलाकर उन्हें सबके सामने फटकार लगाई और रिपोर्ट सीधे सरकार को भेजने की वजह से अंजाम भुगतने की धमकी दी.
आरोप है कि इस खुलासे से खुद के भी फंसने के डर की वजह से बीडीओ व दूसरे अफसरों ने उनकी जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया तो एडीओ रईस उज जमां ने पूरी फ़ाइल सीडीओ और डीएम को भेज दी और उनसे बीडीओ व दूसरे अफसरों की चुप्पी की भी जांच कराने को कहा.
यूपी में सरकार बदलने के बाद भी अफसरों के मनमाने रवैये की पोल खोलने वाला यह मामला डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी के मंझनपुर ब्लॉक का है.
तिलमिलाए बड़े अफसरों ने सार्वजनिक तौर पर इस अफसर को धमकी दी तो वह मीडिया के कैमरों के सामने बीडीओ के पैरों में गिर पड़ा और उनसे इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन बेरहम बीडीओ इस अफसर को कार से धक्का देकर वहां से चलते बने.
योगीराज में भी यूपी के एक ईमानदार अफसर को भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज़ उठाने की सजा भुगतनी पड़ रही है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी में तैनात एडीओ ने लोहिया आवास और पीएम आवास योजना में पैसे लेकर फर्जीवाड़े के जरिये गलत लोगों को मकान दिए जाने की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी तो पोल खुलने के डर से तमाम अफसर उससे नाराज़ हो गए.
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