दुर्लभ तस्वीरों में देखें सुषमा स्वराज की जिंदगी के कुछ अहम पल
साल 2014 में मोदी सरकार की जीत के बाद उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनाया गया. अपने कार्यकाल के दौरान सुषमा स्वराज ने एक के बाद एक कई फैसले लिए. उनके फैसले के कारण ही लोगों को पासपोर्ट बनवाने में आसानी हुई.
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View In Appसुषमा स्वराज साल 1977 से 1982 के बीच हरियाणा विधानसभा की सदस्य रहीं. 25 साल की उम्र में अंबाला कैंट की सीट पर जीत हासिल की थी. साल 1987 से 90 के दौरान बीजेपी-लोकदल की गठबंधन सरकार में सुषमा स्वराज हरियाणा में शिक्षा मंत्री रहीं.
सुषमा स्वराज को बीजेपी ने अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था. देश के हर मंचों पर सुषमा स्वराज पार्टी की विचारधार की जमकर वकालत करते थे.
साल 1996 में सुषमा स्वराज दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता, जिसके बाद वो 13 दिन की वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं. 1998 में उन्होंने एक बार फिर से दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता. इस बार उन्हें दूरसंचार मंत्रालय के अतिरिक्त प्रभार के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया.
सुषमा स्वराज 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. 3 दिसंबर 1998 को विधानसभा से इस्तीफा देकर वो एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति में आ गईं.
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