अपने दर्द को आवाज देने संसद मार्च कर रहे हैं हजारों किसान, देखें तस्वीरें
रातभर रामलीला मैदान में जुटे हजारों किसान. कर्ममाफी, फसलों के उचित दाम और कृषि के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांगों को लेकर संसद तक का मार्च कर रहे हैं. अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कोई भी सरकार किसानों के समर्थन के बिना नहीं टिक सकती है.
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View In Appवरिष्ठ नेता शरद यादव ने किसानों को समर्थन देने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि मैं देश से आए किसानों को संबोधित करूंगा जो इस सरकार के शासनकाल में बेहद परेशान और बेचैन हैं. फसल बीमा योजना से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तक सारे वादे ढकोसला साबित हुए हैं. हमारे अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश की बाकी जनता भी बेहाल है. इस सरकार को उखाड़ फेंकना है.
लगभग 60 हजार लोगों की क्षमता वाले रामलीला मैदान में एम्स, आरएमएल, लोकनायक, हिंदूराव, अरुणा आसिफ अली अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के करीब 25 से 30 डॉक्टरों ने यहां किसानों के लिए एक निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया है.
करीब एक लाख किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे हैं. कर्जमाफी, फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने जैसी मांगों को लेकर किसान संसद की तरफ मार्च कर रहे हैं. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. देखें तस्वीरें.
पुलिस ने कहा कि किसानों के मार्च के दौरान सड़के के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित नहीं हो. राजधानी में यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए आज 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
वरिष्ठ पत्रकार पी साईनाथ की अगुवाई में गठित समूह ‘नेशन फॉर फार्मर्स’ के बैनर तले विभिन्न सामाजिक समूहों ने भी आंदोलन में शिरकत की है. ये सभी रामलीला मैदान गुरुवार को ही पहुंच गए थे. आज ये लोग किसानों के साथ संसद मार्च कर रहे हैं.
किसानों का ये प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले हो रहा है. इसमें लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों ने किसानों की मांग का समर्थन किया है. आम लोगों की भी भागीदारी इसमें दिख रही है.
रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाए. किसानों का जत्था गुरुवार को ही रामलीला मैदान देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचने लगा था. किसानों के साथ रामलीला मैदान में डाक्टर, वकील, पूर्व सैनिक, पेशेवर और छात्रों सहित समाज के तमाम वर्गों के लोगों भी आए.
अपनी मांगों को रखने के लिए देशभर के किसान बस, ट्रेन और अन्य साधनों से दिल्ली आए हैं. किसानों ने गुरुवार को रेलवे स्टेशन पर भी रात गुजारी. इसमें महिला और बच्चों की भी भागीदारी है.
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