भारत सरकार द्वारा यूपीआई की ग्लोबल स्वीकार्यता पर सफलतापूर्वक जोर दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई के दो दिवसीय दौरे पर हैं. 13 फरवरी को दुबई में नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मुहम्मद के बीच आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इन समझौतों में दो समझौते ऐसे हैं जो यूएई में भारतीय रुपे और यूपीआई को स्वीकार करने के लिए किया गया है. इसके बदले में भारत को भी यूएई के डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म आनी और जयवान को स्वीकार करना होगा. इतना ही नहीं बीते सोमवार (12 फरवरी) को भारत ने श्रीलंका में भी भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लॉन्च किया. अब लोग श्रीलंका में भी भारतीय यूपीआई से पेमेंट का लाभ उठा सकते हैं. श्रीलंका में तो भारत अब एक आइआइटी भी खोलने जा रहा है.

  


पीएम मोदी के दौरे से बड़ी शुरुआत


पीएम मोदी के यूएई के दौरे से एक बड़ी शुरुआत की गई. यूएई में भी अब लोग भारतीय यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करने में सक्षम होंगे. इससे सबसे अधिक फायदा भारतीय पर्यटकों को होगा. साथ ही वहां रह रहे भारतीयों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा. इससे पहले 12 फरवरी को श्रीलंका में और मॉरिशस में यूपीआई पेमेंट की शुरुआत की गई. सिंगापुर में सबसे पहले भारतीय यूपीआई की शुरुआत हुई थी. आरबीआई के अनुसार दूसरे देश भी भारत के यूपीआई पेमेंट सिस्टम में रुचि दिखा रहे है. जल्द ही बांग्लादेश में भी यूपीआई सेवा शुरू होने वाली है. अभी तक कई देश इस पेमेंट सिस्टम से जुड़ चुके हैं और माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस लिस्ट में और भी देशों का नाम शामिल हो जाएगा. भारतीय पेमेंट सर्विस का विस्तार 19 से अधिक देशों में हो चुका है. इसमें नेपाल, फ्रांस भूटान, सिंगापुर ओमान, मलेशिया, थाइलैंड फिलिपींस, वियतनाम, कंबोडिया के जैसे कई और देशों का नाम शामिल है, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी. अभी कुछ दिनों पहले जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां भारत आए थे, तो वह भी यूपीआई से काफी प्रभावित हुए थे. उसके पहले जर्मन मंत्री का डिजिटल पेमेंट करता हुआ फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. 


जर्मनी के डिजिटल और परिवहन मंत्री वोल्कर विस्सिंग ने भी भारत में भुगतान करने के लिए UPI का उपयोग किया था. वह न केवल यूपीआई भुगतान के अनुभव से खासे प्रभावित हुए थे, बल्कि उन्होंने भारत के डिजिटल भुगतान मॉडल की सराहना करते हुए उसे दुनिया की बेहतरीन व्यवस्थाओं में एक बताया था. भारत में जर्मन दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इसकी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें जर्मन मंत्री यूपीआई से पेमेंट करते दिख रहे हैं. वह एक सब्जी बेचनेवाले से सब्जी खरीदने के बाद उसको यूपीआई से पेमेंट कर रहे हैं. 


वित्तीय सहयोग को मिलेगा बढ़ावा 


श्रीलंका और मॉरीशस में पीएम मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यूपीआई की शुरूआत की गई थी. यहां सिर्फ यूपीआई ही नहीं बल्कि रुपे कार्ड सर्विस की शरूआत की गई है. इससे श्रीलंका और मॉरीशस में रह रहें भारतीय नागरिकों को और भारत की यात्रा कर रहें इन देशों के नागरिकों को यूपीआई सुविधा का लाभ मिलेगा. यूपीआई के लॉन्च होने के बाद श्रीलंका और मॉरीशस के साथ भारत के संबंध और अधिक मजबूत हुए है. इसके साथ ही मॉरीशस में रुपे कार्ड सर्विस का विस्तार करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मॉरीशस के बैकों को RuPay सिस्टम का प्रयोग करके रुपे कार्ड जारी करने की अनुमति देता है, जिससे दोनों देशों में पेमेंट करने के लिए रुपे कार्ड का इस्तेमाल करना आसान होगा. इस कदम से भारत और मॉरीशस के बीच वित्तीय सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा. 


2016 में हुई यूपीआई की शुरूआत 


भारत के यूपीआई की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित यूपीआई सर्विस को मोदी सरकार द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया था. यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करने के तरीके को बेहद आसान बनाने का काम किया गया है. साथ ही यह रियल टाइम फंड ट्रांसफर करने में योग्य है और इसे IMPS मॉडल द्वारा डेवलप किया गया है. यूपीआई के आने के बाद से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. पिछले साल दिसंबर में यूपीआई से 18.23 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया था.