National Livestock Mission : भारत में किसानों के लिए खेती-बाड़ी के बाद आय के लिए सबसे बड़ा स्त्रोत पशुपालन ही है. भारत सरकार विभिन्न परियोजनाओं की मदद से पशुपालकों की आय बढ़ाने का प्रयत्न करती है. इन प्रयासों का साकारात्मक असर भी दिखाई देता है. 2014 में इसी को देखते हुए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना की शुरूआत की गई थी. योजना का पुनर्गठन 2021-22 में किया गया था. जिसके द्वारा पशुपालकों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. इस योजना में केंद्र सरकार द्वारा बुधवार (21 फरवरी) को संशोधन किया गया. इससे गांव में रहने वाले लोगों की आमदनी में इजाफा होगा. 


केंद्र सरकार ने घोड़ा, गधा, खच्चर और ऊंट से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देने सहित विभिन्न गतिविधियों को शामिल कर राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में किए गए संशोधन के अनुसार, केंद्र सरकार घोड़े, गधे और ऊंट के लिए वीर्य (सीमन) और प्रजनन फॉर्म की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये प्रदान की जाएगी. बातचीत के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) योजना में गतिविधियों को शामिल करने की मंजूरी प्रदान की है.



पशुधन बीमा कार्यक्रम और भी आसान


संशोधित राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अनुसार, घोड़े, गधे, खच्चर और ऊंट से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और 8 धारा कंपनियों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जायेगी. साथ ही घोड़ों, गधों और ऊंटों के नस्ल के संरक्षण के लिए राज्य सरकार को सहायता दी जाएगी. पशुधन बीमा कार्यक्रम को भी आसान बनाने का काम किया गया है. किसानों के लिए प्रीमियम में लाभार्थी का हिस्सा कम कर दिया गया है जो कि अब 15 प्रतिशत होगा, मौजूदा लाभार्थी हिस्सा 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या को 5 से बढ़ाकर 10 कर दिया गया है. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि का भुगतान कर अपने पशुओं का बीमा कराने में सुविधा उपलब्ध होगी. 


राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना क्या है


भारत के ग्रामिण क्षेत्रों में किसान खेती के अलावा आय के लिए पशुपालन पर निर्भर रहते है. सरकार द्वारा किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना भी इसी प्रकार की योजना है. इस योजना की शुरूआत 2014-15 में की गई. इस योजना के अनुसार, पशुधन पालकों और किसानों, विशेष रुप से छोटे धारकों के पोषण और जीवन स्तर में सुधार करने का काम किया जाता है. सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आहार और चारे की मांग और उपलब्धता में अंतर को कम करना, स्वदेशी नश्लों का संरक्षण और उसमें सुधार करना, मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन के उत्पादन में बढ़ोतरी करना शामिल है.



इसके अलावा भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों  के लिए आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी करना, जागरूकता में बढ़ोतरी करना, पशुपालकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में बढ़ोतरी करना है. भारत के ग्रामिण इलाकों में बड़े पैमाने पर भेड़, बकरी और सूअर का पालन किया जाता है. किसानों के लिए भी ऐसा करना मुनाफा होता है. इन जानवरों को पालने से उनके अपशिष्ट पदार्थ से खेतों के लिए खाद मिल जाता है. 


पोर्टल की सुविधा भी उपलब्ध


राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा पोर्टल भी चलाया जाता है. पशुपालन के क्षेत्र में पोर्टल का होना भी आवश्यक है. इसके माध्यम से पशुपालन से जुड़ी सभी जानकारी और सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म से दी जाती है. इस पोर्टल के जरिए पशुधन से संबंधित योजनाओं की जानकारी, सब्सिडी के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन, पशुपालन से जुड़े कार्य की शुरूआत करने के लिए लोन की सुविधा और लोन देने वाले बैंकों का विवरण भी दिया जाता है.


राष्ट्रीय पशुधन मिशन 2023 के अनुसार मुर्गी सहित अन्य पक्षी पालन के लिए भी सब्सिडी प्रदान की जाती है. साथ ही पोल्ट्री प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है. योजना के तहत ऐसे क्षेत्रों में काम करने वाले नागरिकों को छोटे जुगाली करने वाले, मुर्गी पालन और सुअर पालन क्षेत्र और चारा क्षेत्र में रोजगार सुविधाओं से अवगत कराने का काम किया गया. इस मिशन के माध्यम से पशुपालन करने वाले प्रत्येक नागरिक पर ध्यान दिया जाता है जिससे की उत्पादन में बढ़ोतरी किया जा सके. 


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