नई दिल्ली. मशहूर फैशन डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा ने एक बड़ा खुलासा किया है. मनीष ने एक इंटरव्यू में अपने बचपन की यादों के बारे में शेयर करते हुए कहा कि वो हमेशा बॉलीवुड फिल्मों से आकर्षित थे. उन्होंने कहा कि वो बेहतर छात्र नहीं थे. उनको पढ़ना उबाऊं लगता था.


ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ एक साक्षात्कार में मनीष ने कहा कि फैशन के प्रति अपने प्यार को देखते हुए उन्होंने 6वीं क्लास में पेंटिंग विषय को चुना. पेंटिंग करने के अलावा उन्हें फिल्में देखना और मां के कपड़ों से घिरे रहने अच्छा लगता था. समय के साथ उनका फैशन के लिए प्यार बढ़ता गया.


मनीष ने कहा कि वो अक्सर अपनी मां को फैशन की सलाह देते थे. कॉलेज में आने के बाद उन्होंने मॉडलिंग की शुरू के साथ ही एक बुटीक में काम करना भी शुरू किया. बुटीक के साथ काम करने के दौरान वो हर महीने 500 रुपए कमाते थे, जो उनकी पहली कमाई थी. आर्थिक तंगी के चलते मनीष ने कठोर परिश्रम से सीखा और घंटों पढ़ाई करते थे.


25 साल की उम्र में मनीष को जूही चावला अभिनीत फिल्म में काम करने का एक बड़ा ब्रेक मिला. बाद में उन्होंने 1995 में रंगीला फिल्म में डिजाइनर का काम किया. जिसके लिए उन्हें अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था. यह मनीष के जीवन के लिए एक टर्निंग पाइंट था.


अपने सफर की चुनौतियों को याद करते हुए मनीष ने कहा कि वह नायिकाओं को ग्लैमरस लुक देने के लिए बहुत अधिक मेहनत करते थे. अधिक काम करने की चाहत होने के चलते उन्होंने कई देशों की यात्रा की. 2005 में मनीष ने कपड़े डिजाइन करने के साथ ही अपना खुद का ब्रांड लॉन्च किया.


उन्होंने कहा कि श्रीदेवी का निधन उनके व्यक्तिगत जीवन और प्रोफेशनल लाइफ के लिए बहुत बुरा समय था. मनीष 30 सालों से एक फैशन डिजाइनर के रूप इस इंडस्ट्री जुड़े हुए हैं. बावजूद इसके वह आज भी फैशन शो से घबराते हैं.


ये भी पढ़ें:


Chanakya Niti : बच्चों का इस तरह से करेंगे लालन पालन तो कभी नहीं आएंगी उनमें गंदी आदतें


8 दिनों तक नहीं कर सकेंगे कोई भी शुभ कार्य, जानें कब से शुरू हो रहा है 'होलाष्टक'