Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी का समय बहुत ही नाजुक होता है, इस दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना होता है. आखिर रखना भी चाहिए क्योंकि उनके शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है, जिससे वह विकास कर पाता है. कई महिलाओं को फिश खाना बहुत अच्छा लगता है पर उन्हें समझ नहीं आता कि उन्हें इस दौरान अपनी डाइट में इसे शामिल करना चाहिए या नहीं.


हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि मछली बहुत पौष्टिक होती है और अगर आप नाॅन वेजिटेरियन हैं तो आपको अपने डाइट में फिश को जरूर शामिल करना चाहिए. लेकिन क्या गर्भवती महिलाएं हर तरह की मछली का सेवन कर सकती हैं! आइए जानें-


करें सही चयन
आप प्रेगनेंसी में फिश खा सकती हैं लेकिन आपको इसका चयन बहुत ही सावधानी से करना होगा और इसकी मात्रा का भी ध्यान रखना होगा. प्रेगनेंसी के शुरुआत में शिशु को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो फिश में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. 


कितनी मात्रा है सही
एफडीए और ईपीए के अनुसार हर सप्ताह दो से तीन सर्विंग में 226 से 340 ग्राम फिश खा सकते हैं. ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली मां करे भी इतनी ही फिश खानी चाहिए. 


इसलिए जरूरी है सेवन
मछली के तेल में ओमेगा.3 फटी एसिड होते हैं, जो कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं. प्रेगनेंसी के आखिर में सीएनएस ग्रोथ और भ्रूण के मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा.3 आवश्यक है.  


कितना लेना है आवश्यक
फिश में मर्करी होता है इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को कम मात्रा में ही इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. इसलिए भी प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने खाने में फिश का मात्रा का ख्याल रखना चाहिए.


इसके फायदे
फिश में लीन प्रोटीन होता है जो कि भ्रूण के विकास के लिए अहम एमीनो एसिड है. श्ह शिशु के बालों, बोन्स, स्किन और मांसपेशियों के लिए कोशिकाएं बनाने में मदद करता है.
वहीं, मछली खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है और प्रीटर्म बर्थ का खतरा कम हो जाता है. 


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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.