जहर का नाम सुनते ही हम डर जाते हैं. अधिकांश लोग जब खतरनाक जहर का जिक्र करते हैं, तो सायनाइड का नाम लेते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारी धरती पर इससे भी ज्यादा खतरनाक जहर मौजूद है. जिसका एक ग्राम हजारों-लाखों लोगों को मौत की नींद सुलाने के लिए काफी है. जानिए ये जहर कौन सा है और इसकी खोज किसने की थी. 


पोलोनियम-210


आज हम जिस जहर के बारे में बताने वाले हैं, इस जहर का नाम पोलोनियम-210 है. सायनाइड जहर पोलोनियम के आगे कुछ भी नहीं है. पोलोनियम-210 के रेडिएशन से इंसानी शरीर के अंदरूनी अंगों, डीएनए और इंसान का इम्यून सिस्टम सब खत्म हो जाता है. इसको खाने भर से पलभर में आपकी मौत हो सकती है.  


पोलोनियम धातु


बता दें कि पोलोनियम असल में एक धातु है, जो यूरेनियम के अयस्क में पाया जाता है. असल में ये सीधे तौर पर तो हमारे शरीर में नहीं घुस सकता है, क्योंकि ये अल्फा कण हमारे शरीर में ज्यादा दूर ट्रैवल नहीं कर सकते हैं. लेकिन अगर गलती से भी ये हमारे शरीर के संपर्क में आता है, तो उस व्यक्ति को बचाना बहुत मुश्किल होता है.  


कैसे होती है मौत?


जानकारी के मुताबिक जैसे ही ये हमारे शरीर में घुसता है, हमारे सारे बाल अपने आप झड़ने लगते हैं. इतना ही नहीं धीरे-धीरे ये हमारे शरीर में घुसकर सभी इम्यून सिस्टम को खत्म कर देता है. इस जहर के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब ये हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो इसकी मौजूदगी का सही से पता नहीं चल पाता है. यही कारण है कि सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण इंसान की मौत हो जाती है. बता दें इस जहर की खोज करने वाली वैज्ञानिक मैडम क्योरी थी और उन्हें इसके लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. हालांकि कहा जाता है कि इस जहर का सबसे पहला शिकार मैरी क्यूरी की बेटी ईरीन ज्यूलियट क्यूरी हुई थी. उन्होंने मजे-मजे में इस जहर का एक कण खा लिया था.


 


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