हर साल पूरी दुनिया में 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाया जाता है. वर्ल्ड टेलीविजन डे की शुरुआत इसलिए हुई ताकि लोगों को बुद्धू बक्से की अहमियत समझाई जा सके. बुद्धू बक्सा यानी टीवी. दरअसल, ये बुद्धू बक्सा इंसानों की जीवन में किसी क्रांति से कम नहीं है. इसने इंसानों की सोच और समझ को काफी विस्तार दिया. इंटरनेट और स्मार्ट फोन के ना आने तक इंसानों के लिए मनोरंजन और सूचना का सबसे बड़ा साधन टीवी ही था. चलिए जानते हैं अपनी शुरूआत से अब तक टीवी कितना बदला.


किसने किया था टेलीविजन का अविष्कार


टीवी का अविष्कार 21 साल के एक स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने किया था.जॉन लोगी बेयर्ड ने साल 1924 में इसका आविष्कार किया था. हालांकि, पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण साल 1927 में फार्न्सवर्थ ने किया था. जबकि, इसे दुनिया के सामने 1 सितंबर 1928 को पेश किया गया था. लेकिन फिर 1928 में जॉन लोगी बेयर्ड ने इसके बदले हुए रूप कलर टेलीविजन का आविष्कार किया.


वर्ल्ड टेलीविजन डे पहली बार कब मनाया गया


वर्ल्ड टेलीविजन डे का आयोजन पहली बार 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने किया था. इस आयोजन में कई प्रमुख मीडिया हस्तियां शामिल हुई थीं. इस आयोजन में टेलीविजन के बढ़ते महत्व के बारे में चर्चा हुई थी. इसी आयोजन के बाद से संयुक्त राष्ट्र ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन डे मनाने की घोषणा की थी.


1924 से कितना बदला टीवी


अपने शुरूआत से अब तक टीवी बहुत बदल चुका है. बुद्धू बक्से के नाम से शुरू हुआ इसका सफर अब QLED स्क्रीन और क्रिश्टल 4K अल्ट्रा एचडी रेजुलेशन तक पहुंच गया था. आसान भाषा में कहें तो टीवी अब आपकी मेज से उठ कर दीवार पर टंग चुकी है. दीवार पर टंगने के बाद अब इसकी मोटाई कम होती जा रही है और स्क्रीन की क्वालिटी बढ़ती जा रही है. हालांकि, स्मार्ट फोन, हाई स्पीड इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने टीवी के क्रेज को लगभग खत्म कर दिया है. आज कल के बच्चे शायद ही टीवी देखने के लिए इतने उत्साहित हों जितना 90 के दशक के बच्चे हुआ करते थे.


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