बिहार के पूर्व मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव इन दिनों चर्चा में हैं. तेज प्रताप यादव ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ 12 साल के रिलेशनशिप का ऐलान किया था. तेज प्रताप यादव की ओर से किए गए इस पोस्ट के बाद बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है, क्योंकि तेज प्रताप यादव पहले से शादीशुदा हैं और उनका तलाक का मामला अदालत में लंबित है. 

इस घटना के एक दिन बाद लालू प्रसाद ने तेज प्रताप यादव पार्टी व परिवार से बेदखल कर दिया. लालू प्रसाद यादव की ओर से कहा गया कि तेज प्रताप यादव को 6 साल के लिए राजद से निष्कासित किया गया है. इस फैसले के बाद तेज प्रताप यादव के भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि बिहार में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि राजद से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव का भविष्य क्या होगा? क्या उनकी विधायकी भी चली जाएगी? इस बारे में नियम क्या हैं?  जानते हैं... 

क्या चली जाएगी विधायकी?

तेज प्रताप यादव वर्तमान में बिहार के समस्तीपुर जिले की हसनपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की थी. जहां तक उनकी विधायकी का सवाल है तो राजद सुप्रीमो लालू यादव ने तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकालने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है. ऐसे में यह जरूरी है कि लालू प्रसाद यादव की ओर से इस बात की जानकारी विधानसभा में लिखित रूप से दी जाए. जहां तक विधायकी का सवाल है तो पार्टी से निकाले जाने भर से उनकी विधायकी पर कोई खतरा नहीं आएगा. अगर राजद की ओर से उनसे विधायकी छीनने की बात लिखित रूप से दी जाती तो भी यह विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करेगा कि वह इस क्या फैसला लेंगे. इस तरह देखें तो फिलहाल तेज प्रताप यादव की सीट सुरक्षित है. 

क्या है दलबदल कानून?

हालांकि, राजद से निकाले जाने के बाद अगर तेज प्रताप यादव किसी दूसरे दल या पार्टी में शामिल हो जाते हैं या अपनी पार्टी बना लेते हैं तो उनकी विधायकी जा सकती है. ऐसे में दलबदल कानून के तहत वह विधायक नहीं रहेंगे. हालांकि, अभी तक तेज प्रताप यादव की ओर से इसको लेकर किसी तरह के संकेत नहीं दिए गए हैं.

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