कभी ऐसा हुआ है कि आप सपने में किसी खतरे में हों, पूरी ताकत से चिल्लाना चाहें, लेकिन गला जैसे बंद हो जाए? दिल तेज धड़क रहा हो, दिमाग जागा हुआ लगे, फिर भी आवाज बाहर न निकले. नींद टूटते ही एहसास होता है कि सब कुछ दिमाग में ही कैद था. यह कोई डरावना संयोग नहीं, बल्कि इंसानी शरीर और दिमाग के बीच चलने वाली एक बेहद सटीक वैज्ञानिक प्रक्रिया का नतीजा है.

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सपनों की दुनिया में जागा दिमाग

नींद कई चरणों में बंटी होती है, जिनमें सबसे रहस्यमयी चरण REM नींद माना जाता है. REM यानी रैपिड आई मूवमेंट, इसी दौरान सबसे ज्यादा सपने आते हैं. इस अवस्था में दिमाग लगभग उतना ही सक्रिय होता है जितना जागते समय, लेकिन शरीर पूरी तरह आराम की स्थिति में होता है. यही वजह है कि सपने इतने असली और भावनात्मक लगते हैं.

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REM नींद और शरीर का लॉक सिस्टम

REM नींद के दौरान दिमाग शरीर को एक खास संदेश भेजता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में मसल एटोनिया कहा जाता है. इस स्थिति में शरीर की लगभग सभी स्वैच्छिक मांसपेशियां अस्थायी रूप से निष्क्रिय हो जाती हैं. इसका मकसद बेहद जरूरी है, ताकि इंसान सपने में जो देख रहा है, उसे असल जिंदगी में दोहराकर खुद को नुकसान न पहुंचा ले. यही लॉक सिस्टम आवाज निकालने वाली मांसपेशियों पर भी लागू होता है.

चीख दिमाग में, आवाज शरीर में अटकी

जब आप सपने में डर, खतरे या हमले जैसी स्थिति देखते हैं, तो दिमाग स्वाभाविक रूप से चीखने का आदेश देता है. लेकिन चूंकि गला, जीभ और सांस से जुड़ी मांसपेशियां उस समय निष्क्रिय रहती हैं, इसलिए आवाज बाहर नहीं आ पाती. दिमाग और शरीर के बीच यही अंतर आपको सपने में बेबस बना देता है.

स्लीप पैरालिसिस का डरावना अनुभव

कभी-कभी यह स्थिति नींद और जागने की सीमा पर भी महसूस होती है, जिसे स्लीप पैरालिसिस कहा जाता है. इसमें इंसान होश में तो होता है, लेकिन शरीर हिल नहीं पाता, न ही बोल सकता है. कई लोगों को इस दौरान डरावने दृश्य या किसी की मौजूदगी का भ्रम भी होता है. दरअसल, उस समय दिमाग जाग चुका होता है, लेकिन शरीर अभी REM नींद की पकड़ में रहता है.

तनाव और बुरे सपनों का रिश्ता

वैज्ञानिक मानते हैं कि लगातार तनाव, चिंता, डर या मानसिक दबाव के कारण बुरे सपनों की संभावना बढ़ जाती है. जब दिमाग दिनभर की भावनाओं को नींद में प्रोसेस करता है, तो वही डर सपनों में उभर आता है. ऐसे सपनों में चिल्लाने की कोशिश आम होती है, लेकिन शरीर की सुरक्षा प्रणाली उसे रोक देती है.

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