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क्या सिर्फ लड़की होने के कारण सिंहासन नहीं पा सकतीं प्रिंसेस आइको? जानें वजह

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कविता गाडरी   |  10 Dec 2025 02:05 PM (IST)

जापान में सम्राट की कुर्सी को क्रिसैंथेमम थ्रोन कहा जाता है. जापान में सदियों से सम्राट की कुर्सी पर बैठने का अधिकार केवल पुरुष उत्तराधिकारियों को मिलता रहा है.

प्रिंसेस आइको सिंहासन विवाद

जापान भले ही तकनीकी और तरक्की के मामले में दुनिया में मिसाल माना जाता है, लेकिन शाही परिवार के उत्तराधिकार को लेकर आज भी वहां का सिस्टम महिलाओं के साथ बराबरी नहीं करता है. जहां पूरी दुनिया में महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. वहीं, जापान में सम्राट की कुर्सी पर बैठने का अधिकार आज भी सिर्फ पुरुषों तक सीमित है. इस वजह से जापान की प्रिंसेस आइको के समर्थन में जापान के लोग उत्तराधिकार कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि क्या सिर्फ लड़की होने के कारण प्रिंसेस आइको सिंहासन नहीं पा सकती है और इसके पीछे की वजह क्या है.

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क्या सिर्फ पुरुष ही बन सकते हैं जापान के सम्राट?

दरअसल जापान में सम्राट की कुर्सी को क्रिसैंथेमम थ्रोन कहा जाता है. वहीं जापान में सदियों से सम्राट की कुर्सी पर बैठने का अधिकार केवल पुरुष उत्तराधिकारियों को मिलता आया है. शाही परिवार का दावा है कि उनका वंश सूर्य देवी अमातेरासु से चलता है और यह परंपरा पुरुष वंश के आधार पर ही आगे बढ़ाई जाती है. कानून के अनुसार उत्तराधिकारी केवल पितृ वंश पर निर्भर है, यानी सम्राट की केवल पुरुष संतान पुत्र या फिर पोता ही अगला सम्राट बन सकता है. वहीं नियमों के अनुसार शाही परिवार की बेटियां भले ही बड़ी हो या योग्य हो वह सिंहासन की दावेदार नहीं मानी जाती है.

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महिलाएं क्यों नहीं बन सकती जापान की रानी?

जापान के इतिहास में अब तक आठ महिला सम्राट रही है, लेकिन वह भी सिर्फ तब जब कोई पुरुष उत्तराधिकारी मौजूद नहीं था. उनके शासन के बाद फिर से पुरुष ही सिंहासन पर बैठते रहे हैं. वहीं शाही परिवार की महिला सदस्यों के लिए एक और बड़ी पाबंदी यह है कि अगर वह आम नागरिक से शादी करती है तो उसे शाही दर्जा छोड़ना पड़ता है. इसके साथ ही वह उत्तराधिकार से भी बाहर हो जाती है.

प्रिंसेस आइको को सिंहासन से दूर करने वाला कानून

जापान के वर्तमान सम्राट नारुहितो की सिर्फ एक संतान प्रिंसेस आइको है. प्रिंसेस आइको जापान में बहुत लोकप्रिय है और जापान की जनता उन्हें बहुत पसंद करती है, लेकिन जापान का इंपीरियल हाउसहोल्ड लॉ साफ कहता है कि महिलाएं सम्राट नहीं बन सकतीं. इस वजह से आइको अपने पिता की इकलौती संतान होते हुए भी इस पद की हकदार नहीं हैं. इसके बाद जापान के सिंहासन के अगले वारिस सम्राट के भाई के 18 साल के बेटे प्रिंस हिसाहितो माने जाते हैं, जो शाही परिवार के अपनी पीढ़ी के इकलौते पर पुरुष सदस्य हैं. यही वजह है कि जापान की यह 2000 साल पुरानी राजशाही अब उत्तराधिकार के संकट का सामना कर रही है.

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Published at: 10 Dec 2025 02:05 PM (IST)
Tags: Princess Aiko succession issue Japan male heir rule why women cant be emperor in Japan
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