Highest Life Expectancy: दुनिया भर में कुछ देशों में लाइफ एक्सपेक्टेंसी का चार्ट टॉप पर है. ये कुछ ऐसे देश हैं जहां पर लोग आमतौर पर 80 साल की उम्र तक और अक्सर उससे भी ज्यादा जीते हैं. 2025 तक हांगकांग, जापान, मोनाको और दक्षिण कोरिया दुनिया में सबसे आगे हैं. इन देशों में औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी  ज्यादातर देशों से काफी ज्यादा है. अब सवाल यह उठता है कि इसके पीछे आखिर क्या राज है. आइए जानते हैं.

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लम्बी उम्र की दौड़ में कौन से देश आगे?

हांगकांग 85.77 साल की औसत जीवन प्रत्याशा के साथ टॉप पर बना हुआ है. इसी के साथ जापान 85 साल, दक्षिण कोरिया 84.53 साल और मोनाको 86.5 से 87 साल की औसत जीवन प्रत्याशा को बनाए हुए हैं. यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं बल्कि यह उन समाजों को दर्शाते हैं जहां पर स्वास्थ्य बनाए रखना एक चिकित्सक जिम्मेदारी के साथ-साथ आजीवन सांस्कृतिक अभ्यास भी है.

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पौष्टिक व प्राकृतिक रूप से संतुलित आहार की शक्ति

उनकी लंबी उम्र के पीछे सबसे मजबूत वजह है आहार. जापान में खाने में सब्जियां, फर्मेंटेड फूड, समुद्री शैवाल, टोफू और ताजा मछली काफी ज्यादा खाई जाती है. ये सारी चीजें वसा में कम और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं. इस खाने के की ही बदौलत दुनिया में मोटापे और दिल की बीमारियों की दर सबसे कम होती है. यहां पर लोग धीरे-धीरे, सोच समझकर और कम मात्रा में खाते हैं. जापान में अक्सर ओकिनावा के 'हारा हाची बु' का पालन किया जाता है जिसका मतलब है सिर्फ 80% पेट भरने तक खाना.

उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा

इन देशों में जन स्वास्थ्य में भारी निवेश किया जाता है. स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के साथ सभी नागरिकों के लिए समय पर निदान, चेक अप्स और किफायती उपचार किए जाते हैं. बीमारियों का जल्द पता चल जाता है और साथ ही पुरानी बीमारियों का बेहतर प्रबंधन किया जाता है. 

दैनिक जीवन में शामिल गतिशीलता 

लंबी उम्र सिर्फ भोजन या फिर दवा के बारे में नहीं होती बल्कि यह दैनिक जीवन शैली के बारे में भी होती है. इनमें से कई देशों में पैदल चलना और साइकिल चलाना परिवहन के सामान्य साधन है. इन देशों में लोग बुढ़ापे में भी एक्टिव रहते हैं और अपनी दिनचर्या के हिस्से के रूप में स्वाभाविक रूप से चलते-फिरते रहते हैं. इन लंबी उम्र वाले देशों में स्वच्छ वातावरण को भी महत्व दिया जाता है. उच्च वायु गुणवत्ता मानक, एक अच्छा वेस्ट मैनेजमेंट और साथ ही स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता बीमारियों की दर को काफी कम करती है. इन पर्यावरणीय लाभ की वजह से जनसंख्या के कल्याण में एक बड़ा योगदान मिलता है.

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