Sun in Winters: सर्दियों की शुरुआत लगभग हो चुकी है. सुबह और शाम के समय सभी को ठंड का एहसास होना शुरू हो गया है. दोपहर की धूप में भी अब उतनी तपन नही रही. आपने गौर किया होगा कि गर्मी में जिस सूरज की धूप सबके होश खराब कर देती है, सर्दी आते ही उसी सूरज की धूप इतनी नरम कैसे हो जाती है? गर्मी में जिस धूप से सब बचकर भागते हैं, सर्दी आते ही क्यों वो सबको प्यारी लगने लगती है? ठंड के मौसम में धूप में बैठने का मजा ही कुछ और होता है.



सर्दियों की गुनगुनी धूप में बैठना हमारे सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. गर्मी में किसी की भी बाहर निकलने की इच्छा नहीं होती है. वहीं, सर्दियों की इस गुनगुनी धूप में बैठने से शरीर को आराम महसूस होता है. क्या कभी आपने यह सोचा है कि गर्मी की धूप इतनी तेज और ठंडी की धूप गुनगुनी क्यों होती है? आइए आज इसके पीछे के वैज्ञानिक को समझते हैं. 


यह है कारण 


गर्मी के मौसम में धरती सूर्य के ज्यादा करीब होती है. वहीं, सर्दियों में धरती और सूरज के बीच की दूरी बढ़ जाती है. ज्यादातर लोगों को सर्दी की धूप नर्म होने के पीछे यही वजह लगती है, पर ऐसा नहीं होता है. ये सब पृथ्वी की एक्सिस के झुकाव की वजह से होता है. जबकि असलियत यह है कि पृथ्वी जुलाई महीने में सूर्य से सबसे दूर होती है और जनवरी के महीने में सूर्य के सबसे निकट होती है. 


गर्मी की धूप तेज होने की वजह 


गर्मी में सूर्य की किरणें पृथ्वी पर स्टीप एंगल पर टकराती हैं. जिस वजह से प्रकाश उतना नहीं फैलता है. इसलिए सूरज की किरणें जिन जगहों पर डायरेक्ट पड़ती हैं, वहां उनकी इंटेंसिटी ज्यादा बढ़ जाती है. इसके अलावा, चूंकि गर्मियों में दिन लंबा होता है, जिस वजह से सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती है. एक यह भी कारण है कि गर्मियों की धूप ज्यादा तेज होती है. 


सर्दी में गुनगुनी धूप होने की वजह 


सर्दी के मौसम में सूर्य की किरणें पृथ्वी से कम एंगिल पर टकराती हैं. या दूसरे शब्दों में कहें तो ये किरणें डायरेक्ट नही पड़ती हैं. इसलिए सर्दियों में ये अधिक जगहों पर फैलती है. चूंकि ये ज्यादा क्षेत्र में फैलती हैं, इसलिए सर्दी की धूप कम और गुनगुनी सी होती है. लंबी रातें और छोटे दिन होना भी पृथ्वी के तापमान को जल्दी गर्म नहीं होने देते हैं. 


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