केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बुधवार सुबह दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. कई इलाकों में एक्यूआई 349 दर्ज किया है. वहीं धुंध में भी मामूली कमी देखी गई है. हालांकि राष्ट्रीय राजधानी के कुछ निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गया है. मंगलवार यानी 23 दिसंबर को दिल्ली भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर था, जबकि नोएडा इस लिस्ट में सबसे ऊपर था. दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच गई और विशेष रूप से सुबह के समय में शहरों में धुंध छाई रही. दिल्ली की एयर क्वालिटी में कुछ सुधार के बाद कई लोगों का मानना है कि ग्रैप-4 के सख्त कदमों से दिल्ली और एनसीआर की एयर क्वालिटी में सुधार देखने को मिला रहा है. क्योंकि प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को सील किया गया है, वाहनों की जांच तेज की गई और सफाई अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ग्रैप की चार ही स्टेज क्यों हैं और इससे ज्यादा पॉल्यूशन होने पर क्या नियम है.
क्या है ग्रैप और क्यों बनाई गई इसकी चार स्टेज?
ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान एक लिस्टेड योजना है. जिसे प्रदूषण के स्तर के अनुसार लागू किया जाता है. इसका उद्देश्य यह है कि जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ें वैसे-वैसे सख्त कदम उठाए जाए. ताकि प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके. ग्रैप को चार स्टेज में बांटा गया है. जो स्टेज-1, स्टेज-2, स्टेज-3 और स्टेज-4 है. वहीं हर एक स्टेज एक तय एक्यूआई सीमा से जुड़ा होता है और उसी के अनुसार प्रतिबंध लागू होते हैं. सबसे गंभीर स्थिति में स्टेज-4 लागू किया जाता है. जब एक्यूआई 450 के पार चला जाता है.
ग्रैप 4 ही क्यों माना जाता है सबसे सख्त?
स्टेज-4 को इमरजेंसी कंडीशन के लिए रखा गया है. यह पहले से लागू स्टेज 1, 2 और 3 के सभी प्रतिबंधों के अलावा होता है. इस स्तर पर प्रदूषण को हेल्थ के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है. इसलिए स्टेज-4 लागू होने पर सरकार और प्रशासन तुरंत कड़े फैसले लेते हैं. वहीं ग्रैप-4 के तहत दिल्ली और आसपास के एनसीआर इलाकों में पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लोग रोक लगाई जाती है. इसके अलावा BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार पहिया गाड़ियों पर प्रतिबंध होता है. दिल्ली में बाहर से आने वाले नॉन BS-IV वाहनों की एंट्री भी बंद कर दी जाती है. वहीं पुराने डीजल, मीडियम और हैवी गुड्स वाहनों को भी जरूरी सेवाओं को छोड़कर अनुमति नहीं मिलती. हालांकि BS-IV इलेक्ट्रिक सीएनजी और एलएनजी से चलने वाले वाहन पब्लिक ट्रांसपोर्ट और आपात सेवाओं को छूट दी जाती है.
ज्यादा प्रदूषण बढ़ने पर क्या हैं नियम?
ग्रैप की चार स्टेज इसलिए बनाई गई है, क्योंकि स्टेज-4 को सबसे आखिरी और आपात कदम माना जाता है. इसके बाद स्थिति संभालने के लिए सरकार अतिरिक्त फैसले लेती है. जैसे ज्यादा गतिविधियों पर रोक, ट्रैफिक सीमित करना या हेल्थ इमरजेंसी जारी करना. यानी ग्रैप-4 के बाहर कोई अलग स्टेज नहीं होती, बल्कि स्टेज-4 के अंदर ही हालात के अनुसार फैसले लिए जाते हैं.