कहते हैं खूबसूरती इश्क करने वालों की आंखों में होती है. इश्क में डूबे इंसान की नजरों से उसकी मोहब्बत को देखोगे तो आईना भी शरमा जाएगा. इस बात को ऐसे भी कहा जा सकता है कि जिस तरह हीरे की पहचान जौहरी को होती है, वैसे ही इश्क करने वाले ही हुस्न को सही से पहचानते हैं. मेरी बात नहीं मानते तो एक नज्म की चार लाइनें पढ़िए- "चेहरे बे-शुमार चेहरे नजर आते हैं जिंदगी की राहों पर, नाक नक्श नहीं हो बहुत मुख्तलिफ उन में से एक ही चेहरा सबसे हसीन लगता है क्यूं?"
कहने का मतलब है कि अगर आदमी इश्क में हो तो उसकी मोहब्बत दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की बन जाती है. अपने प्यार के लिए इश्क के दीवाने कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाते हैं. मोहब्बत का नशा ऐसा ही है कि सामने वाले में लाख बुराइयां हों, लेकिन हम सिर्फ उसकी अच्छाई को देखते हैं. लेकिन ऐसा क्यों है? कभी सोचा है कि जो लड़की तुम्हारे यार-दोस्तों या परिवार को नहीं पसंद होती, अगर आप उसके इश्क में हैं तो वही लड़की दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की बन जाती है. आजकल आपने सोशल मीडिया पर पसंदीदा औरत का कॉन्सेप्ट तो सुना ही होगा तो चलिए जानते हैं कि साइंस में मर्दों की पसंदीदा औरत का कॉन्सेप्ट क्या है?
प्यार में नजरअंदाज की जाती हैं कमियां
आपने देखा होगा कि जो कपल एक-दूसरे की कई खामियों या कमियों को नजरअंदाज करते हैं, वे सिर्फ अपने पार्टनर की अच्छी बातों और खूबियों को ही नोटिस करते हैं. यह तरीका दोनों को एक-दूसरे के प्रति पॉजिटिव बनाता है. जब भी दो लोग एक-दूसरे के प्यार में होते हैं तो वे अपने पार्टनर की पॉजिटिव चीजों को ही देखते हैं, यहां तक कि उससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी विशेषताओं को भी अपनाने लगते हैं. जब भी आप किसी के प्यार में होते हैं तो आपका पूरा ध्यान अपने पार्टनर पर ही केंद्रित हो जाता है. आप अपने पार्टनर की हर छोटी-बड़ी बात पर रिएक्ट करते हैं. ये चीजें एक-दूसरे के प्रति आकर्षण को बढ़ाती हैं और उन्हें अधिक जोड़ती हैं.
सब हार्मोन्स का खेल है बाबू भईया
अब आते हैं इश्क के वैज्ञानिक पहलू पर. हमारे शरीर में बहुत से हार्मोनल चेंजेस होते रहते हैं. इन्हीं में से एक है लव हार्मोन. आपने नोटिस किया होगा जब हम अपने पार्टनर या किसी ऐसे को देखते हैं, जिससे हम मन ही मन प्यार करते हैं तो उन्हें देखकर हमें एक संतुष्टि और अलग सी खुशी मिलती है. दरअसल, ऐसा डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन्स की वजह से होता है. जब हम अपने पार्टनर को देखते हैं तो शरीर इन दोनों हार्मोन्स को रिलीज करता है, जिससे हमें बेहद संतुष्टि और खुशी का अनुभव होता है.
लव पार्टनर को देखते ही होने लगते हैं ये बदलाव
शरीर में डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन्स के रिलीज होते ही व्यक्ति अपने पार्टनर के प्रति और भी ज्यादा आकर्षित होने लगता है और जैसे-जैसे हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है, हमें पार्टनर की हर चीज अच्छी लगने लगती है और उससे गहरा जुड़ाव महसूस होना शुरू हो जाता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह हार्मोन सिर्फ पार्टनर को देखकर ही रिलीज हो, अपने माता-पिता, दोस्तों, परिवार के सदस्यों व बच्चों को देखकर भी ये हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जिससे हमें एक अजीब सी खुशी का अहसास होता है और हम उनके प्रति भावनात्मक हो जाते हैं.
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