पाकिस्तान की सेना में हाल ही में बड़ा संगठनात्मक बदलाव हुआ था. पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को असीमित शक्तियां दे दी गई हैं, उनकी नियुक्ति देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) के तौर पर हुई है, जिसके बाद वह पाकिस्तान की थल सेना, जल सेना और वायु सेना के प्रमुख बन गए हैं. यानी इस समय आसिम मुनीर पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन चुके हैं. इसके अलावा मुनीर को पाकिस्तान के न्यूक्लियर वेपन सिस्टम का भी प्रभारी बना दिया गया है. 

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पाकिस्तान में हुए इस बड़े बदलाव और न्यूक्लियर वेपन सिस्टम का कंट्रोल आसिम मुनीर को दिए जाने के बाद लोगों के मन में भारत के परमाणु हथियारों को लेकर सवाल है. लोग जानना चाहते हैं कि भारत में परमाणु हथियारों का कंट्रोल किसके पास है? क्या प्रधानमंत्री सीधे तौर पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं? इसके लिए क्या नियम बनाए गए हैं? चलिए जानते हैं... 

क्या है भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी?

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दुनिया के 9 परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में भारत भी शुमार है. हालांकि, भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी बाकी देशों से अलग है. भारत का रुख स्पष्ट है कि उसने परमाणु हथियार किसी देश पर हमला करने के लिए नहीं बल्कि, परमाणु शक्ति संपन्न देशों से अपनी सुरक्षा के लिए बनाए हैं. ऐसे में भारत कभी भी किसी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, इस मामले में भारत 'नो फर्स्ट यूज' की पॉलिसी अपनाता है. यानी जब तक भारत को न्यूक्लियर अटैक का खतरा न हो, तब तक भारत भी इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा. 

किसके पास होता है परमाणु हथियारों का कंट्रोल?

पहली बात तो यह समझ लीजिए कि परमाणु हथियारों को लॉन्च करने के लिए कोई एक रिमोट कंट्रोल नहीं होता, जिसमें सिर्फ बटन दबाने की जरूरत पड़ती है. वहीं सबसे अहम यह है कि भारत में परमाणु हथियारों का कंट्रोल किसी एक व्यक्ति के पास नहीं है, यानी प्रधानमंत्री चाहकर भी अकेले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश नहीं दे सकते. इसके लिए भारत सरकार की ओर से नियम-कायदे बनाए गए हैं. भारत में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर अंतिम फैसला न्यूक्लियर कमान अथॉरिटी लेती है. इस अथॉरिटी के दो हिस्से होते हैं, पहला- राजनीतिक परिषद और दूसरा- कार्यकारी परिषद. राजनीतिक परिषद की अध्यक्षता खुद देश के प्रधानमंत्री करते हैं और कार्यकारी परिषद की अध्यक्षता देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) करते हैं. इनके आदेश पर ही परमाणु हथियारों को लॉन्च किया जा सकता है. 

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