Most Powerful Nation: दुनिया में ताकत सिर्फ हथियारों या पैसे से नहीं मापी जाती है. एक देश की छवि, उसकी आर्थिक पकड़, कूटनीतिक जाल और सेना की ताकत, इन सबका अदृश्य गणित तय करता है कि कौन किस रैंक पर खड़ा होगा. एशिया में हाल ही में हुए नए आंकड़ों ने सबको हैरान कर दिया. भारत ने तीसरे नंबर का स्थान हासिल कर शांति और शक्ति की मिसाल कायम की है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर यह रैंकिंग सिर्फ हथियारों या पैसों की ताकत का नतीजा है या कुछ और भी है? आइए समझ लेते हैं.

Continues below advertisement

किन आधारों पर मापी गई ताकत

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित लोवी इंस्टीट्यूट ने Asia Power Index 2025 जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार एशिया के 27 देशों की ताकत को आठ मुख्य आयामों, सैन्य क्षमता, आर्थिक शक्ति, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक प्रभाव, सांस्कृतिक पहुंच, लचीलापन और भविष्य की क्षमता के आधार पर मापा गया. इस बार की सूची में भारत ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया, जिससे पूरे एशिया में भू-राजनीतिक खेल बदलते नजर आ रहे हैं.

Continues below advertisement

भारत की यह छलांग केवल सेना या हथियारों के दम पर नहीं है, बल्कि आर्थिक विकास, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी और नई टेक्नोलॉजी में निवेश, इन सबका मिलाजुला असर भारत को मेजर पावर बनाता है. लोवी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का स्कोर 40.0 है, जो इसे मेजर पावर श्रेणी में मजबूती से स्थापित करता है.

भारत ने किन क्षेत्रों में किए बदलाव

रक्षा के मामले में भारत ने पिछले दशक में कई बड़े बदलाव किए हैं. आधुनिक मिसाइल सिस्टम, हाई-टेक लड़ाकू विमान, और सतह व पानी के नीचे से लड़ने की क्षमता ने सेना को ताकतवर बनाया है. इसके अलावा नौसेना की सबमरीन और एयरफोर्स की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता ने भारत की सैन्य पहुंच को और भी प्रभावी बनाया है.

आर्थिक मोर्चों पर स्थिति

आर्थिक मोर्चे पर भी भारत तेजी से उभर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार देश का GDP, तकनीकी निवेश, और वैश्विक व्यापार नेटवर्क भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति देते हैं. इसके साथ ही भारत की डिजिटल शक्ति, स्टार्टअप इकोसिस्टम और ऊर्जा सुरक्षा इसे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार बनाते हैं.

भारत की सॉफ्ट पावर

कूटनीतिक रूप से भारत ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया है. वह कई बहुपक्षीय मंचों का हिस्सा है और वैश्विक मामलों में प्रभाव डाल रहा है. सांस्कृतिक प्रभाव भी भारत की ताकत का हिस्सा है- भाषा, फिल्म, संगीत और योग जैसी चीजें भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ को मजबूत करती हैं. हालांकि, रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत अभी भी कुछ क्षेत्रों में सुधार कर सकता है. कूटनीतिक पहुंच और आर्थिक विस्तार की क्षमता को और बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा रक्षा नेटवर्क और तकनीकी नवाचार को अगले स्तर पर ले जाना होगा.

इस रिपोर्ट ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि केवल हथियार और पैसा ही किसी देश की शक्ति तय नहीं करते हैं. रणनीतिक निवेश, तकनीकी प्रगति, कूटनीतिक क्षमता और सांस्कृतिक प्रभाव ये सब मिलकर एक देश को सुपरपावर बनाते हैं. भारत ने यह साबित कर दिया है कि सतत विकास और रणनीतिक सोच से तीसरे नंबर की पावर भी हासिल की जा सकती है. 

यह भी पढ़ें: क्या घर में AK-47 भी रख सकते हैं अमेरिकी नागरिक, क्या है यहां का गन कल्चर और कानून?