जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनकी तस्वीरें, मुलाकातें और भाषण खूब चर्चा में रहते हैं. वो जहां भी जाते हैं, वहां उनका स्वागत भव्य होता है और देश-दुनिया के लोग उनके दौरे पर नजर रखते हैं. इसके विपरीत विपक्ष उन पर लगातार आरोप भी लगाता है कि वे देश में कम और विदेशों में ज्यादा रहते हैं. पीएम मोदी अब तक 72 से ज्यादा बार विदेशी दौरे पर जा चुके हैं. विपक्ष का कहना है कि इन यात्राओं पर भारी खर्च होता है, जो आम जनता के टैक्स के पैसे से पूरा होता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में मोदी जी की विदेश नीति और यात्राओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी यात्राओं के बावजूद भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति में क्या ठोस बदलाव आया.   

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विपक्ष का ये भी आरोप है कि पीएम मोदी की विदेश यात्राएं डिप्लोमेसी से ज्यादा फोटो सेशन जैसी लगती हैं. खास बात ये है कि पीएम मोदी ने अकेले अमेरिका की ही 10 यात्राएं की हैं, लेकिन विपक्ष के अनुसार इससे भारत को कोई खास राजनीतिक फायदा नहीं हुआ है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए हैं जो अपने पूरे कार्यकाल में एक भी बार विदेश नहीं गए हैं तो चलिए जानते हैं कि कौन सा प्रधानमंत्री विदेश कभी नहीं गया. 

कौन सा प्रधानमंत्री विदेश कभी नहीं गया

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चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश की कमान संभाली. उनका कार्यकाल भले ही सिर्फ साढ़े पांच महीने का रहा हो, लेकिन उनकी पहचान एक सादगी पसंद और किसानों के सच्चे नेता के रूप में रही, सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में एक भी विदेशी दौरा नहीं किया. जब बाकी प्रधानमंत्री दुनिया के देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, तब चौधरी साहब ने तय किया कि वो देश के किसानों और आम जनता के मुद्दों पर ध्यान देंगे. 

चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक मिडिल क्लास किसान परिवार में हुआ था. वे पढ़ाई में तेज थे, उन्होंने 1923 में बैचलर ऑफ साइंस और 1925 में आगरा यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली. इसके बाद कानून की पढ़ाई करके वकालत शुरू की. उनका राजनीति में सफर 1937 में शुरू हुआ, जब वो उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए. वे लगातार कई बार चुने गए और धीरे-धीरे मंत्री पद तक पहुंचे. उन्होंने राजस्व, कृषि, न्याय, स्वास्थ्य, सूचना, गृह जैसे कई मंत्रालयों में काम किया था. 

चौधरी चरण सिंह ने विदेश यात्रा क्यों नहीं की?

आज विदेश दौरे डिप्लोमेसी और ग्लोबल नेटवर्किंग का अहम हिस्सा माने जाते हैं, वहीं चौधरी चरण सिंह ने अपने पूरे कार्यकाल में ये मानते हुए एक भी विदेश यात्रा नहीं की कि उनका पहला कर्तव्य भारत के नागरिकों के प्रति है. उनका मानना था कि जब तक अपने देश के किसान, मजदूर और आम नागरिक खुशहाल नहीं हैं, तब तक विदेश में जाकर देश की छवि चमकाने का कोई मतलब नहीं है. 

चौधरी चरण सिंह सिर्फ प्रशासनिक नेता नहीं थे, उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. 1941 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. उन्हें मेरठ जेल की बैरक नंबर 9 में रखा गया था. आज यह जेल उनके नाम पर चौधरी चरण सिंह जिला कारागार कहलाती है. चौधरी साहब को किसानों का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। उन्होंने हमेशा किसानों की जमीन, ऋण और अधिकारों की लड़ाई लड़ी. 

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