आज के समय में पहचान पत्र हर नागरिक के लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है. भारत में जब भी पहचान की बात आती है तो सबसे पहले दिमाग में आधार कार्ड का नाम आता है. आधार कार्ड आने के बाद सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आई, लोगों को मिलने वाले लाभ सीधे उनके बैंक खाते में जाने लगे और फर्जीवाड़े पर भी काफी हद तक रोक लगी. अब सवाल उठता है कि जैसे भारत में आधार कार्ड है, वैसे ही पाकिस्तान में पहचान के लिए कौन-से कार्ड का इस्तेमाल होता है, चलिए जानें.
पाकिस्तान का आईडी कार्ड
पाकिस्तान में पहचान के लिए NADRA कार्ड का इस्तेमाल होता है. NADRA का मतलब है नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी. यह कार्ड पाकिस्तान के हर नागरिक के लिए जरूरी होता है. इसे कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड यानी CNIC भी कहा जाता है. NADRA कार्ड की खासियतें आधार से काफी मिलती-जुलती हैं. इसमें भी फोटो, फिंगरप्रिंट्स, आईरिस स्कैन और पूरा बायोमेट्रिक डाटा होता है.
पाक में कितने साल के लोगों का बनता है आधार
आधार कार्ड में जहां 12 डिजिट होती हैं, वहीं पाकिस्तान के CNIC में 13 अंकों का यूनिक नंबर दिया जाता है. इस कार्ड में नागरिक के सिग्नेचर होते हैं और एक बायोमेट्रिक चिप भी लगी होती है. इसकी मदद से सरकार एक क्लिक पर सरकार को उस नागरिक की पूरी जानकारी मिल सकती है. लेकिन एक फर्क यह है कि भारत में बच्चों का भी आधार कार्ड बन सकता है, लेकिन पाकिस्तान में CNIC यानी NADRA कार्ड केवल 18 साल से ऊपर के नागरिकों को ही जारी किया जाता है.
भारत का आधार कार्ड पाकिस्तान से एडवांस
भारत का आधार कार्ड टेक्नोलॉजी और इंटीग्रेशन के मामले में NADRA से काफी एडवांस माना जाता है. आधार के जरिए यह भी पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति ने कौन-सी सरकारी योजनाओं का लाभ लिया है, उसका बैंक अकाउंट कहां है या पैन कार्ड से जुड़ी जानकारियां क्या हैं. यही वजह है कि भारत सरकार ने आधार को हर जरूरी काम के लिए अनिवार्य कर दिया है. आधार कार्ड को UIDAI यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया जारी करता है.
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