जैसे परिवार में सबसे बड़े बुजुर्ग घर के फैसले तय करते हैं, वैसे ही दुनिया के अधिकांश देशों में हेड ऑफ स्टेट यानी राष्ट्राध्यक्ष अपनी उम्र और अनुभव के बल पर नीतियों की दिशा तय करते हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रिय नेताओं की उम्र लगातार बढ़ती जा रही है और इसका असर सिर्फ उनकी व्यक्तिगत क्षमता पर नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति, आर्थिक नीतियों और युवा पीढ़ी की भूमिका पर भी पड़ रहा है. आइए जानें कि दुनिया के ग्लोबल लीडर्स की औसत उम्र कितनी है और किस देश का स्टेट हेड सबसे उम्रदराज है.

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दुनिया के ग्लोबल लीडर्स की औसत उम्र

रिपोर्ट की मानें तो साल 2025 में दुनिया के ग्लोबल लीडर्स की औसत उम्र 62 साल है. पांच दशक पहले यानी 1970 के दशक में यह औसत उम्र 55 साल थी. यह स्पष्ट संकेत देता है कि सत्ता की शीर्ष पंक्ति में अब अधिकतर नेता बुजुर्ग हैं. वहीं पांच दशक पहले यह 55 साल थी. 

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कौन हैं सबसे उम्रदराज नेता

सबसे उम्रदराज नेताओं की बात करें तो इसमें सबसे पहला नाम आता है कैमरून के राष्ट्रपति पॉल बिया का, जिनकी उम्र 92 साल है. इसके बाद फिलीस्तीन के महमूद अब्बास 89 साल के हैं, जबकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई 86 साल के हैं. बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस 85 साल की उम्र में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. 

ब्राजील के लूला डी सिल्वा और अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप दोनों 79 साल के हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 82 साल के हैं और लगातार चर्चा में रहते हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजराइल के बेंजामिन नेतन्याहू दोनों 75 साल के हैं. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 74 साल के हैं, जबकि चीन के शी जिंगपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन 72 साल के हैं. 

क्या है बढ़ती उम्र का फायदा

विशेषज्ञों के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ नेताओं के अनुभव और रणनीतिक सोच में गहराई आती है, लेकिन तेजी से बदलती दुनिया में युवा दृष्टिकोण की कमी भी दिखाई देती है. युवा नेताओं की ऊर्जा और नवीन दृष्टिकोण लंबे समय तक नीति निर्माण में शामिल नहीं होने के कारण कभी-कभी निर्णय प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. 

कहां है कम उम्र के नेता

वैश्विक राजनीति में उम्र का यह प्रभाव कई तरह से देखा जा सकता है. आर्थिक संकट, पर्यावरणीय नीतियां, डिजिटल तकनीक और वैश्विक सुरक्षा के फैसले अक्सर वरिष्ठ नेताओं की अनुभव आधारित सोच पर आधारित होते हैं. लेकिन युवा वर्ग का कहना है कि बुजुर्ग नेताओं की लंबी अवधि की पकड़ नए विचारों को कम स्थान देती है. इस बीच, दुनिया के कुछ छोटे देशों में युवा नेताओं का उदय हो रहा है. उदाहरण के लिए, पोलैंड और न्यूजीलैंड में नेता अपेक्षाकृत कम उम्र के हैं, जो तेजी से बदलती तकनीकी और सामाजिक चुनौतियों के साथ तालमेल बिठा पा रहे हैं.

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