पीरियड्स महिलाओं की लाइफ का एक जरूरी हिस्सा होते हैं, और इसमें होने वाली समस्या जैसे दर्द और हाइजीन की चिंता, धरती पर तो आम होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्पेस में महिला एस्ट्रोनॉट्स को जब पीरियड्स होती हैं, तो वो इसे कैसे मैनेज करती होंगी? वे स्पेस में कितने सैनेटरी पैड्स लेकर जाती हैं और कैसे अपनी हाइजीन को मेंटेन करती हैं? जब महिलाएं स्पेस में जाती हैं, तो उनके लिए पीरियड्स मैनेज करना एक चुनौती बन जाता है.  ऐसे में आइए जानते हैं कि स्पेस स्टेशन में महिला एस्ट्रोनॉट्स को आ जाए पीरियड्स तो क्या होगा.
क्या स्पेस में पीरियड्स आते हैं?
बहुत से लोगों को लगता है कि स्पेस में जाने के बाद महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स नहीं होते हैं, लेकिन यह गलत है. स्पेस के रेडिएशन का पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता है. महिला एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भी पीरियड्स होते हैं और उन्हें इसे मैनेज करना भी होता है. हालांकि महिला एस्ट्रोनॉट्स कांट्रेसेप्टिव पिल्स का यूज करती हैं ताकि उन्हें स्पेस में रहते हुए पीरियड्स न हो. लेकिन लंबे समय तक इन पिल्स का यूज हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है,जिससे महिलाओं को फ्यूचर में प्रेग्नेंट होने में मुश्किल हो सकती है. इस बात को खुद सुनीता विलियम्स जैसी एस्ट्रोनॉट्स ने बताया कि स्पेस में भी पीरियड्स आते हैं. सुनीता विलियम्स को एक छोटे मिशन के लिए 8 दिन के लिए स्पेस में जाना था, लेकिन उन्हें 9 महीने तक रहना पड़ा. महिला एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में कितने पैड्स लेकर जाती हैं?
पहली महिला अंतरिक्ष यात्री वेलेंतीना तेरेश्कोवा थीं, जिन्होंने 1963 में स्पेस यात्रा की थी. ऐसे में नासा ने शुरुआत में अनुमान लगाया था कि एक महिला एस्ट्रोनॉट को हर हफ्ते 100 से 200 पैड्स चाहिए होंगे. लेकिन बाद में यह पाया गया कि इतनी ज्यादा नैपकिन की जरूरत नहीं पड़ती. हालांकि स्पेस में लंबे समय तक रहने के बाद महिलाओं प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है. ऐसे मे कुछ एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में अपनी सुरक्षा के लिए एग और स्पर्म को प्रिजर्व करवा सकते हैं. स्पेस में पीरियड्स की समस्या का सामना करने के लिए और तरीके भी हैं, जैसे कम मात्रा में सेनेटरी पैड्स का यूज. इसके साथ ही पीरियड्स के दौरान हाइजीन को बनाए रखने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को खास हाइजीन किट दी जाती है.